बैरिया(बलिया)। पूर्व प्रधानमंत्री स्व चन्द्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर के राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा देने तथा भाजपा में शामिल होने से बैरिया विधानसभा की राजनीति भी करवट बदलने लगी है. चन्द्रशेखर व नीरज शेखर के कट्टर समर्थकों की मानें तो यह काम उन्हे बहुत पहले कर लेना चाहिए था. सवाल भी उठा रहे हैं कि आखिर समाजवादी पार्टी से क्षत्रिय नेता किनारा क्यों लेते जा रहे है? कुछ तो गड़बड़ है.
कभी के समय में पूर्व प्रधानमंत्री स्व चन्द्रशेखर के समर्थक तथा बाद मे नीरज शेखर के कट्टर समर्थक अरविंद सिंह सेंगर का कहना है कि लोक सभा चुनाव में टिकट नहीं मिलना उतना कष्टदायक नहीं थे, जितना कि काफी विलम्ब करके क्षेत्र में कार्य करने व टिकट देने का आश्वासन देते रहने और ऐन समय पर आकर टिकट न देना सीधा सीधा अपमान नही तो और भला क्या है. बलिया में सपा की आन्तरिक राजनीति भी किसी इमानदार व स्वाभिमानी व्यक्ति के लिए अच्छी नहीं है, और इसमें कोई संदेह नहीं कि नीरज शेखर इमानदार भी हैं और स्वाभिमानी भी.
ग्राम पंचायत टेंगरहीं के प्रधान शुभम सिंह, कोटवां के पूर्व प्रधान विनोद सिंह तथा दीपक कश्यप का कहना है कि हम लोग तो पारिवारिक परम्परा से कभी चन्द्रशेखर जी के साथ रहे और उनके बाद नीरज शेखर के साथ हैं. उनके साथ हर हाल में थे, हैं और आगे भी रहेंगे. वहीं नीरज शेखर के समर्थक निर्भय सिंह गहलौत, अशोक सिंह व निर्भय नारायण सिंह का कहना था कि आखिर समाजवादी पार्टी में ठाकुर नेताओं के साथ असम्मान की स्थिति क्यों है?
नीरज जी को बहुत पहले ही यह कर लेना चाहिए था. लेकिन वह इमानदार क्षवि के व्यक्ति हैं. बहुत समय देख कर ऐसा कदम उठाए. उनके द्वारा बलिया लोक सभा क्षेत्र में किया गया प्रयास ही था कि चुनाव में भले ही सपा की सीट नही निकली लेकिन बेहतर परफार्मेंस के पीछे नीरज जी का ही श्रम था.
कुल मिलाकर नीरज शेखर के इस्तीफा व भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने का द्वाबा में स्वागत किया जा रहा है.