पानी के महत्व को समझने की जरूरत- शशिकांत चतुर्वेदी

बलिया. जल ही जीवन है,जिसें सम्भालकर खर्च करना तथा उसकें सदुपयोग से जीवन की रक्षा करना मानव का बुनियादी धर्म है. आज पुरी दुनिया में पानी संकट विकराल हो गया है जल स्रोत सुख रहें हैं तथा जल ही जीवन है,जिसें सम्भालकर खर्च करना तथा उसकें सदुपयोग से जीवन की रक्षा करना मानव का बुनियादी धर्म है. आज पुरी दुनिया में पानी संकट विकराल हो गया है. जल स्रोत सुख रहें हैं तथा पर्यावरण के जरुरतो के अनुरूप जीवन शैली नहीं अपनाने से कठिनाईया बढ़ रही है. जरुरत है हम सब‌ पानी के महत्व को समझें तथा उसके अनावश्यक दोहन से बचें.

उक्तबातें श्रद्धेय विक्रमादित्य पाण्डेय की स्मृति में प्रति बर्ष आयोजित होने वाले प्याऊ कार्यक्रम का कचहरी स्थित पुरानी तहसील के सामने शुभारंभ करने के पश्चात शहीद मंगल पाण्डेय स्मारक समिति के अध्यक्ष शशिकांत चतुर्वेदी ने व्यक्त किया.

इस अवसर पर सुरेन्द्र नाथ चतुर्वेदी, अमर नाथ सिंह,सचिन्द् दूबे, संतोष तिवारी,सुनिल तिवारी, प्रेम शंकर चतुर्वेदी, श्रीभगवान यादव, सतेन्द्र पाण्डेय, विजेन्द्र पाण्डेय, मनोज पाठक,दिलीप, संतोष ठाकुर,रवि श्रीवास्तव, संजय चौबे, जयकमल चौबे, बद्रीनाथ पाण्डेय, सुनिल सिंह सतीश चौबे,आदि लोग मौजूद रहे. पर्यावरण के ज़रुरतों के अनुरूप जीवन शैली नहीं अपनाने से कठिनाईया बढ़ रही है. जरुरत है हम सब‌ पानी के महत्व को समझें तथा उसके अनावश्यक दोहन से बचें.

 

उक्त बातें विक्रमादित्य पाण्डेय की स्मृति में प्रति बर्ष आयोजित होने वाले प्याऊ कार्यक्रम का कचहरी स्थित पुरानी तहसील के सामने शुभारंभ करने के पश्चात शहीद मंगल पाण्डेय स्मारक समिति के अध्यक्ष शशिकांत चतुर्वेदी ने व्यक्त किया.

इस अवसर पर सुरेन्द्र नाथ चतुर्वेदी, अमर नाथ सिंह,सचिन्द् दूबे, संतोष तिवारी,सुनिल तिवारी, प्रेम शंकर चतुर्वेदी, श्रीभगवान यादव, सतेन्द्र पाण्डेय, विजेन्द्र पाण्डेय, मनोज पाठक,दिलीप, संतोष ठाकुर,रवि श्रीवास्तव, संजय चौबे, जयकमल चौबे,बदी पाण्डेय, सुनिल सिंह सतीश चौबे,आदि लोग मौजूद रहे.

(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)

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