भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग में हुआ छात्र-संवाद कार्यक्रम
जौनपुर . वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रज्जू भैया संस्थान के भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग में छात्र-संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य वक्ता जियोलॉजी विभाग बी.एच.यू. के अध्यक्ष और प्रख्यात भूवैज्ञानिक प्रो.बी.पी. सिंह ने जटिल भूगर्भीय तथ्यों एवं वर्तमान दौर में उनकी प्रासंगिकता पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि भूमण्डलीकरण के वर्तमान दौर में सामाजिक और आर्थिक प्रगति हेतु विभिन्न विकास कार्य अत्यन्त आवश्यक हैं, किन्तु संकट या आपदाओं की अनदेखी करके विकास कार्यों को करते रहना अत्यन्त घातक निर्णय हो सकता है. इस परिप्रेक्ष्य में कभी-कभी विभिन्न विकास कार्य भी आपदा का कारण बन जाते हैं .
प्रो. सिंह कहा कि विकास राष्ट्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है लेकिन पर्यावरण एवं प्रकृति की अनदेखी कर किया गया विकास मानव को विनाश की ओर ले जाता है. उन्होंने कहा कि मानव सभ्यता का संबंध जल जंगल और जमीन से उसके उत्पत्ति काल से ही है अगर इसकी सुरक्षा हम उसके प्राकृतिक रूप में नहीं कर पाएंगे तो आने वाली पीढ़िओं को इसका दुष्परिणाम भुगतना होगा.
प्रो. सिंह विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि जोशीमठ का भू-धंसाव हाल की सबसे बड़ी अनदेखी पर्यावरणीय घटनाओं में से एक है, क्योंकि स्थानीय क्षेत्र के भूगर्भ वैज्ञानिकों एवं पर्यावरण विशेषज्ञों की राय को कहीं न कहीं दरकिनार कर के जिस तेजी से मानवीय गतिविधियां बढ़ी है, होटल, चौड़ी- चौड़ी सड़कें, ऑल वेदर रोड और अन्य विकास कार्य हो रहे है उससे स्थानीय पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण को नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि सतत विकास का पर्यावरणीय आधार अहम है, इसलिए सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक ‘उचित संतुलन’ बनाने की भी आवश्यकता है. इस अवसर पर संचालन डॉ नीरज अवस्थी ने स्वागत निदेशक, प्रो. देवराज सिंह एवं भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. श्याम कन्हैया ने किया . धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शशिकांत यादव ने किया, डॉ. श्रवण कुमार, बीएससी एवं एमएससी के समस्त छात्र उपस्थित रहे.
डॉ सुनील कुमार की रिपोर्ट