

उरी में शहीद आरके यादव की मां बोली आर्थिक तंगी से गुजर रहा मेरा परिवार
पैत्रृक गांव दुबहर में रिटायर्ड सैनिकों एवं स्थानीय नागरिकों ने शहीद को शहादत दिवस पर दी श्रद्धांजलि
दुबहर, बलिया. अपने जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा करने में बलिया का बहुत बड़ा योगदान है. जहां ग्राम नगवा, जनपद बलिया के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद मंगल पांडे ने अपनी कुर्बानी देकर भारत में अंग्रेजों के विरुद्ध क्रांति की मसाल जलाई, वहीं शेरे-बलिया चिंत्तू पांडे के नेतृत्व में सन 1942 में ही बलिया 14 दिन तक आजाद रहा. भारत के आन-बान-शान की रक्षा के लिए जब-जब शहादत की आवश्यकता पड़ी, तब-तब बलिया के जवान अपनी शहादत देने से पीछे नहीं हटे.
उक्त उद्गार पूर्व सैनिक सूबेदार अंगद सिंह ने शहीद आरके यादव के सातवें शहादत दिवस पर सोमवार की देर शाम व्यक्त किया. कहा कि सैनिक हमेशा अनुशासित, परिश्रमी और कर्तव्यनिष्ठ होता है. शहीद आरके यादव की कुर्बानी क्षेत्र सहित जनपद के जवानों के लिए एक जलती हुई मसाल एवं प्रेरणा हैं जिसे हम फौजी कभी बूझने नहीं देंगे. इस मौके पर शहीद आरके यादव की बुढ़ी मां सोमरिया देवी एव॔ पत्नी पार्वती देवी ने कहा कि मुझे अपने बेटे एव॔ पति के शहादत पर गर्व है. वृद्ध मां ने कहा कि बेटे के शहादत के बाद से ही मेरा पूरा परिवार आर्थिक तंगी झेल रहा है. मेरे सभी बेटे बेरोजगार हैं, जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है.
गौरतलब है कि सितम्बर 2016 में जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा आतंकवादी हमला किया गया था जिसमें शहीद 16 जवानों में से स्थानीय दुबहर स्थित यादव डेरा निवासी आरके यादव भी शहीद हो गए थे. उसके बाद भारतीय सैन्य बलों की कार्यवाही में सभी चार आतंकी मारे गए.

यह भारतीय सेना पर किया गया लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला था. उरी हमले के 10 दिनों के बाद ही भारतीय सैन्य बलों ने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर उरी हमले का बदला लिया था. जिस सर्जिकल स्ट्राइक को भारतीय लोगों ने दिल खोलकर स्वागत किया था.
इस मौके पर पूर्व सैनिक कामता सिंह, अरुणेश पाठक, प्रमोद दुबे, नित्यानंद सिंह, हरेंद्र सिंह, अंकित सिंह, अशोक सिंह, लल्लन सिंह, सुरेंद्र सिंह, अर्जुन यादव, शिवानंद यादव, दूधनाथ राम, अंकित सिंह, कन्हैया शर्मा, जयशंकर सिंह, गिरजाशंकर पांडे, रामेश्वर चौधरी पटेल, रामप्रवेश पटेल आदि मौजूद रहे.
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के के पाठक की रिपोर्ट