दुबहड़(बलिया)। बलिया की पहचान विश्व के फलक पर दिलाने वाले बलिया के गौरव प्रथम शहीद मंगल पांडेय, चित्तू पांडेय,आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, पंडित परशुराम चतुर्वेदी सरीखे तमाम सेनानी, साहित्यकार तथा विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएं दे चुके महान हस्तियों के पैतृक गांव में उनके स्मारक कथा संग्रहालय हर हाल में होने चाहिए. यह मांग बलिया विकास मंच के अध्यक्ष अरुण सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जिले के आला अधिकारियों से की है.
उन्होंने कहा कि देश राष्ट्र और समाज की रक्षा करने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले इन महान विभूतियों के बलिदान को पूरे देश से अवगत कराने के लिए उनके स्मारक और संग्रहालय उनके पैतृक गांव में जरूर बनने चाहिए. ताकि लोग अपने इन महान विभूतियों के गौरवशाली अतीत पर गर्व कर सकें. उन्होंने चिंता प्रकट किया कि हिंदी के महान विद्वान पंडित हजारी प्रसाद द्विवेदी का पैतृक गांव ओझवलिया उनकी प्रतिमा के लिए आज भी तरस रहा है. जबकि पंडित जी की रचनाएं पूरे विश्व को आज भी आलोकित कर रही है. सिंह ने कहां की जल्द ही बलिया विकास मंच के बैनर तले जिला योजना समिति के सभी सदस्यों को व्यक्तिगत तौर पर पत्र लिखकर भविष्य में होने वाली जिला योजना समिति की बैठक में इस मांग को प्रमुखता से उठाने की अपील की जाएगी. ताकि बलिया के ऐतिहासिक धरोहरों की रक्षा हो सके और लोगों को इससे लाभ मिल सके .