टोला काशी राय उच्च प्राथमिक विद्यालय को माडल स्कूल बनाने की तैयारी
बैरिया(बलिया)। लोक नायक जयप्रकाश नारायण के गांव की महिला प्रधान रूबी सिंह व उनके पति सूर्यभान सिंह अपने ग्राम पंचायत के विकास की जुगत में लगे रहते हैं. नितान्त पिछड़े, बाढ़ व कटान के मुहाने पर हर साल इस झंझावात को झेलने वाले गांव में बुनियादी शिक्षा को बेहतर बनाने की जुगत में प्रधान दम्पति लगे हैं. बुनियादी शिक्षा के विकास की सोच के साथ जेपी के गांव के टोला काशी राय में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय को बेहतर बनाने की पहल जयप्रकाशनगर की प्रधान ने की है.
उन्होंने खुद स्वीकार किया कि पंचायत में प्राथमिक स्तर पर शिक्षा का स्तर लगभग विद्यालयों में ठीक नहीं चल रहा है. प्राथमिक विद्यालयों की दशा ऐसी है कि आज भी शिक्षा समाजिक रूप से दो भागों में बंटी हुई नजर आ रही है. अमीर के बच्चे तो कही भी महंगा फीस देकर पढ़ लेते हैं, किंतु गरीब के बच्चों को विद्यालयों में आराम से बैठ कर पढ़ने के लिए सरकार की ओर बेंच तक की व्यवस्था नहीं है. बताया कि इससे लगायत एक पत्रक भी उन्होंने शासन को प्रेषित की हैं.
बताया कि कोड़हरा नौबरार पंचायत में कुल 12 प्राथमिक और दो उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं. इनमें धरातल की स्थिति को देखें तो किसी भी विद्यालय में बच्चे बेंच पर बैठ कर शिक्षा ग्रहण नहीं करते. आज भी वह नीचे टाट या बोरे पर बैठ पढ़ाई करते हैं. कहीं कमरों का अभाव है तो कहीं शिक्षकों के अभाव में पठन-पाठन प्रभावित है. ऐसी दशा केवल जयप्रकाशनगर की ही नहीं, प्रदेश स्तर पर भी यही हालात हैं.
समाज में यह दुरंगी शिक्षा व्यवस्था समाजिक रूप से भी अमीर और गरीब के बच्चों में फर्क स्पष्ट कर देती है. ऐसा किसी भी सरकार में नहीं होना चाहिए. आज एक गरीब इंसान भी यही चाहता है कि वह भले ही मजदूरी करें, किंतु उसका लाडला अच्छी शिक्षा ग्रहण करे. बताया कि खुद के पंचायत में शिक्षा में सुधार को वह एक अभियान चलाना चाहती हैं. जिससे कि गरीब के बच्चों को भी गांव में सरकारी स्तर से भी अच्छी शिक्षा मिल सके. सभी स्कूलों में उन्हें बेंच पर बैठने को मिले, वहीं सरकारी शिक्षक या शिक्षा मित्र भी रूची लेकर उन्हें पढ़ाने का प्रयास करें. जयप्रकाशनगर के टोला काशी राय में स्थापित मध्य विद्यालय को एक माडल स्कूल में तब्दील करने के पीछे वजह यह है कि पूरे पंचायत में एक यही विद्यालय है, जो हमेशा सरकार की मंशा पर खड़ा उतरता है. जहां सभी शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों का सच्ची निष्ठा के साथ निर्वहन करते हैं. इसमें बच्चों को बैठने के बेंच तो होंगे ही, स्कूल की बाउंड्री भी कराई जाएगी. इसके अलावा बाबू के डेरा में जर्जर हो चुके स्कूल के एक कमरे का भी निर्माण कराया जाएगा.
इस सन्दर्भ में शासन को भेजे गए पत्र पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए माडल स्कूल बनाने के क्रम में प्रधान के पहल पर सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.