
बलिया के वीरों के आगे नतमस्तक हो गए थे अंग्रेज कलेक्टर, अंग्रेज नौकरशाही भाग खड़ी हुई थी..
बेल्थरा रोड, बलिया. भारतीय जनता पार्टी के लघु उद्योग प्रकोष्ठ के कैम्प कार्यालय पर बलिया बलिदान दिवस पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य देवेंद्र गुप्ता रहे.
मुख्य वक्ता देवेंद्र गुप्ता ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की आजादी से 5 साल पहले 19 अगस्त 1942 को बलिए आजाद हो गया था अंग्रेजो का हालत ऐसा था की वो रात को ही बलिया से भाग निकले. बलिया में क्रांति का रूप ऐसा था जिसके सामने गांव के चौकीदार से लेकर जिले के कलेक्टर तक को नतमस्तक होना पड़ा.
10 अगस्त 1942 को शुरू हुई अहिंसक क्रांति से अंग्रेजी राज के सभी गढ़ ढह गए और नौकरशाही भाग खड़ी हुई एक के बाद एक थाने और तहसील पर तिरंगा फहरता चला गया और अंग्रेजी प्रशासन पूरी तरह से समाप्त हो गया. बलिया के लोगों ने अपने अदम्य साहस और अद्भुत शौर्य के दम पर लगभग पौने दो सौ साल से पड़ी गुलामी की बेड़ियां काट दीं और 19 अगस्त 1942 को ही स्वतंत्रता के सुप्रभात का दीदार कर लिया भारत की स्वतंत्रता की पहली किरण बलिया में ही फूटी. हालांकि, यह आजादी अधिक दिनों तक नहीं कायम नहीं रह सकी और 22 अगस्त 1942 की देर रात अंग्रेजी फौज बलिया पहुंची.
गुप्त ने आगे कहा कि अंग्रेजी फौज के साथ नेदरसोल को विशेषाधिकार से लैस प्रशासक बनाकर बलिया भेजा गया था. नेदरसोल ने कलक्टर के बंगले पर पहुंचकर जिले का प्रशासन अपने हाथ में लेने की घोषणा कर दी.फिर से जिले की सत्ता पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया, लेकिन बलिया वालों ने अपने तेवर और पराक्रम से यह दिखा दिया कि उसे यूं ही बागी नहीं कहा जाता बलिया की यह आजादी भले ही चंद दिनों की रही. लेकिन इसके निहितार्थ बड़े व्यापक थे.
एक छोटे से जिले के, हर ओर अंग्रेजी शासन से घिरे रहकर भी आजाद हो जाना क्रांतिकारियों में नए उत्साह का संचार कर गया, वहीं इस खबर से दुनिया भी चौंक पड़ी. 1942 की क्रांति के समय प्रांत कांग्रेस कमेटी के कार्यकारिणी सदस्य रहे स्वतंत्रता सेनानी दुर्गा प्रसाद गुप्त ने अपनी पुस्तक ‘स्वतंत्रता संग्राम में बलिया’ में लिखा है कि अगस्त महीने के अंत में प्रदेश के गवर्नर सर हैलेट ने लंदन को यह खबर भेजी कि बलिया पर फिर कब्जा कर लिया गया है.
गवर्नर के इस संदेश में भी इस बात की स्वीकारोक्ति थी कि बलिया में अंग्रेजी शासन समाप्त हो गया था. यह मुद्दा ब्रिटिश संसद में भी उठा. तब संसद में भारतीय मामलों के मंत्री एमरी ने भी हैलेट की बात दोहराई. ब्रिटिश संसद में बलिया की आजादी गूंजी. दुनिया के अन्य देशों में इसे ब्रिटिश शासन की ओर से अपनी पराजय की स्वीकारोक्ति के रूप में देखा गया बलिया की क्रांति की तब के लगभग हर बड़े नेता ने सराहना की है.उक्त संगोष्ठी में मुख्य रूप से दुर्गा प्रसाद मधुलाला, धन्नू सोनी, राजीव जायसवाल, सहती राम राजभर एडवोकेट, राजकुमार जायसवाल,खरक बहादुर सिंह, अमीरचन्द गुप्ता, विनोद कुमार,संतोष पासवान, प्रेमचन्द,राजू जायसवाल, सुभाष चंद्र जायसवाल आदि लोगो ने संबोधित किया.अध्यक्षता भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा बिल्थरारोड के मंडल अध्यक्ष नीर शंकर मोदनवाल व संचालन धर्मेन्द्र सोनी ने किया.
तत्पश्चात बलिया बलिदान दिवस पर रेलवे स्टेशन के पश्चिम डीएवी इंटर कालेज के कैम्पस में स्थित शहीद स्तम्भ पर पहुचकर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों का नमन किया गया.
तिरनऊ खुर्द गांव में 7 दिनों तक चला पूजन-अर्चन संपन्न
बेल्थरारोड. क्षेत्र के तिरनई खुर्द के ग्राम प्रधान रामानन्द राजभर के देखरेख में गुरुवार को आदिशक्ति मां काली जी स्थान पर महिलाओं द्वारा पूजन- अर्चन के साथ ही धार देने (पनढ़रकौवा) का कार्यक्रम गुरुवार को सम्पन्न हो गया जो सात दिन तक चला . इसके उपरांत काली जी का पूजन अर्चन किया गया. ग्राम प्रधान ने बताया कि अंतिम दिन गांव में रोग व्याधि के नाश करने व सुख शांति के लिए माँ काली जी का भव्य पूजन अर्चन किया गया. जिसमे गांव के महिलाएं और पुरुषों ने भाग लिया . पूजा के उपरांत लोगो को प्रसाद वितरण किया गया. इस मौके पर सनोज यादव,राम राजभर,प्रवीण गुप्ता,मनोज यादव, शुर्यभान राजभर, राम भवन राम बदन,मिथिलेश, छट्ठू, प्रमोद गुप्ता,भोला,सुमेर, सुरेन्द्र गुप्ता, रमाकांत राजभर आदि मौजूद रहेसनोज यादव,राम राजभर,प्रवीण गुप्ता,मनोज यादव, शुर्यभान राजभर, राम भवन राम बदन,मिथिलेश, छट्ठू, प्रमोद गुप्ता,भोला,सुमेर, सुरेन्द्र गुप्ता, रामाकांत राजभर आदि मौजूद रहे.
(बेल्थरारोड से उमेश गुप्ता की रिपोर्ट)
नरहेजी संस्थान का स्थापना दिवस मनाया गया
नगरा,बलिया. नरहेजी पीजी कालेज नरही में नरहेजी संस्थान का स्थापना दिवस गुरुवार को मनाया गया। समारोह का शुभारंभ सचिव डॉ विजय नारायण सिंह उर्फ गोपाल जी ने संस्थापक हंसनाथ पांडेय की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया.
समारोह को संबोधित करते हुए डॉ विजय नारायण सिंह ने कहा कि आज पूर्वजों के आशीर्वाद से नरहेजी संस्थान पुष्पित एवं पल्लवित हो रहा है तथा शिक्षा का अलख जगा रहा है. इस मौके पर छात्राओं ने वंदना,स्वागत गीत, देश गीत, भक्ति गीत आदि प्रस्तुत किया. कार्यालय अधीक्षक राजेश सिंह, प्रदीप मिश्र सहित सभी शिक्षक एवं कर्मचारी मौजूद रहे. अध्यक्षता प्राचार्या डॉ सुशीला सिंह एवं संचालन डॉ कृष्ण मोहन सिंह ने किया.
(नगरा से संतोष द्विवेदी की रिपोर्ट)
छुट्टी पर घर आए जवान को तेज रफ्तार पिकअप ने मारी टक्कर
बेल्थरा रोड,बलिया.उभांव थाना क्षेत्र के जमुआ गांव निवासी बब्बन यादव को गुरुवार सुबह एक पिकअप ने धक्का मार दिया जिससे वह घायल हो गए. ग्रामीणों व प्रधान ने की मदद से बाईक से पिकअप का पीछा कर ड्राइवर को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया.मिली जानकारी के अनुसार घायल व्यक्ति बब्बन यादव आर्मी में कार्यरत हैं. कुछ दिन पहले अपने ग्राम जमुवा छुट्टी पर आये हुए थे, वह अपने पशुओं के चारा खिलाने के लिए चारा लेकर डेरा पर जा रहे थे तभी नगरा की तरफ से आ रही तेज रफ्तार पिकअप की चपेट में आ गये. उनके सिर में गंभीर चोट आ गई. स्थानीय लोगों व ग्राम प्रधान के मदद से प्राथमिक उपचार के लिए सीएचसी सीयर में दाखिल कराया गया. जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक डॉक्टर ने सिर में गंभीर चोट आने के कारण सीटी स्कैन के लिए रेफर कर दिया.
बाढ़ क्षेत्र में चल टीकाकरण अभियान
हल्दी.ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. गुरुवार के दिन सीएचसी सोनवानी की ओर से जूनियर हाईस्कूल हल्दी पर कोविड के टीकाकरण के लिए शिविर लगाया गया.टीका लगवाने के लिए बाढ़ क्षेत्र के लोगो सहित अन्य क्षेत्रों के लोग काफी संख्या में जुटे रहे.लोगो मे टीकाकरण के लिए काफी उत्साह रहा.शाम चार बजे तक 345 लोगो की टीका लगाया गया था.बीपीएम राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इसके साथ साथ बेलहरी गांव में भी शिविर लगाया गया है.वही सीएचसी सोनवानी में भी टीकाकरण किया जा रहा है. सभी केन्द्रों पर सबसे अधिक महिलाओं की भीड़ देखने को मिल रही है. लोगों में आई जागरूकता के कारण शाम तक लोगो की काफी भीड़ रही.टीकाकरण करने वाली टीम में दीपक श्रीवास्तव,आशीष कुमार,सीएचओ सीताकुंड प्रियंका गुप्ता,सरोज वर्मा आदि कर्मचारी उपस्थित रहे.
(हल्दी से रिपोर्टर आरके की रिपोर्ट)
स्वयंसेवकों ने पौधरोपण कर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को दी श्रद्धांजलि
श्री बजरंग स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दादर आश्रम की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वयंसेवकों ने गुरुवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि पर सीवान कला एवं कासमापुर गांव में पौधरोपण कार्यक्रम चलाकर उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. सर्वप्रथम स्वयंसेवियों ने सीवान कला गाँव में आयोजित एक कार्यक्रम में नेताजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया. कार्यक्रम अधिकारी डॉ कृष्ण कुमार सिंह ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अतुलनीय योगदान को याद करते हुए कहा कि वे भारत माता के सच्चे एवं वीर सपूत थे. उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे उनके दिखाये मार्ग पर चलें. उन्होंने कहा कि आज हमारी इकाई पौधरोपण कर नेताजी को विनम्र श्रद्धांजलि दे रही है. इसके बाद स्वयंसेवकों ने कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में पीपल, बरगद, आम, जामुन, अमरूद एवं सागौन के कुल 9 पौधे लगाए. इसके बाद कासमापुर गाँव में पीपल, बरगद, जामुन, अमरूद एवं सागौन के कुल 7 पौधे लगाए गए. इस प्रकार आज एनएसएस इकाई के स्वयंसवेकों ने कार्यक्रम अधिकारी एवं ग्रामीणों के साथ मिलकर कुल मिलाकर 16 पौधे लगाये.
अपने संबोधन में डॉ कृष्ण कुमार सिंह, जो कि जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया के वृक्षारोपण के नोडल अधिकारी भी हैं, ने पौधरोपण को जन आंदोलन बनाने पर बल दिया और ग्रामीणों से पौधरोपण के कार्यक्रमों में शामिल होने एवं लगाए गए पौधों की देखभाल का आह्वान किया. कहा कि पर्यावरण संरक्षण से ही पृथ्वी पर मानव जीवन सुरक्षित रह पायेगा और इसके लिए बड़ी संख्या में पौधरोपण बहुत आवश्यक है. इस कार्यक्रम में अंजय कुमार, अभिषेक भारती, शशि गौतम आदि स्वयंसेवकों सहित अंकित पासवान, अंजय पासवान, विशाल पासी, राजेश पासवान, विशाल भारद्वाज, रजत कुमार, मनीष कुमार, दीपक भारती, अजीत कुमार, अजीत राजभर, चंद्र प्रकाश, अंजय पासवान, ईश्वर चंद राम, शैलेन्द्र कुमार, अखिलेश कुमार, अभिसार चंद आदि ने सक्रिय भागीदारी की.
(सिकंदरपुर से संतोष शर्मा की रिपोर्ट)