अपने यूपी का साक्षरता दर अब 72 फीसदी

बलिया। उत्तर प्रदेश की मौजूदा साक्षरता दर 72 प्रतिशत है. बीते 10 साल में हालात काफी हद तक सुधर चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर ब्लॉक संसाधन केंद्र दुबहर के सभागार में बृहस्पतिवार को विचार गोष्ठी आयोजित की गई.

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साक्षर भारत कार्यक्रम के अंतर्गत लोक शिक्षा समिति दुबहर की ओर से आयोजित गोष्ठी का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित तथा माल्यार्पण कर किया. इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार बूथ लेवल ऑफिसर के रूप में कार्यों की सराहना की. कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में प्रेरकों का अध्यापन कार्य सराहनीय है. स्वच्छता गोष्ठी में शामिल प्रेरकों से उन्होंने आग्रह किया कि जिले को पूर्ण साक्षर बनाने में सहयोग करें, ताकि भारत को हम विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा कर सकें.

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मुख्य अतिथि का स्वागत ब्लॉक समन्वयक केके पाठक ने किया. जबकि विशिष्ट अतिथि ओम प्रकाश राय का स्वागत प्रेरक संघ अध्यक्ष अजीत पाठक ने किया. सरस्वती शिशु मंदिर आनंदनगर के व्यवस्थापक ओम प्रकाश राय ने बतौर विशिष्ट अतिथि देश की साक्षरता दर बढ़ाने में प्रेरकों की भूमिका की सराहना की. कहा कि डोर टू डोर सर्वेक्षण से चिन्हित निरक्षरों को साक्षर करने के साथ ही प्रेरकों ने समाजवादी पेंशनर्स के परिवार को साक्षर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मानदेय बकाया होने के बावजूद निष्ठा एवं कर्तव्य परायणता की जितनी सराहना की जाए, वह कम है. हीरा ने कहा कि अपने आप में साक्षर भारत योजना से जुड़ा होना भी गर्व की बात है. अतिथियों के सम्मान में प्रेरक निर्मल कुमार पांडेय तथा प्रेरक शशि प्रभा ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. इस मौके पर हरे राम यादव, प्रदीप पांडेय ने मुख्य अतिथि का माल्यार्पण कर स्वागत किया.

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इसी क्रम में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर बीआरसी नवानगर (सिकंदरपुर) के प्रांगण में गुरुवार को साक्षरता दिवस का आयोजन किया गया. उपस्थित प्रेरकों को संबोधित करते हुए ब्लॉक प्रभारी धर्मेंद्र पटेल ने कहा कि साक्षरता दिवस पर हम प्रेरकों को यह शपथ लेना होगा कि हम अपने अपने गांव से निरक्षरता को समाप्त करने का काम करेंगे. साथ ही जो लोग निरक्षर हैं, उन्हें शैक्षिक ज्ञान देने का भी काम करेंगे. इस दौरान तेजबहादुर यादव, शिवमूर्ति राम, स्वामीनाथ यादव, हीरालाल वर्मा, देवेंद्र सिंह, श्रीनारायण शर्मा, तारकेश्वर वर्मा, प्रेमलता श्रीवास्तव, हरिशंकर राम, राजाराम पाण्डेय आदि लोग उपस्थित रहे. संचालन राजकिशोर यादव ने किया.

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