घाघरा के जलस्तर मे रफ्ता-रफ्ता बढ़ाव, बढ़ी धुकधुकी

बिल्थरारोड (बलिया)। घाघरा नदी के जलस्तर में हो रहे बढ़ाव और तटवर्ती गांवों में हो रहे कटान को देखते हुए शुक्रवार को क्षेत्रीय विधायक धनन्जय कनौजिया ने एसडीएम सुनील श्रीवास्तव व सीओ रसड़ा श्रीराम के साथ कटान हो रहे चैनपुर गुलौरा व तटीय गांवों के नदी तट बन्ध का दौराकर वस्तुतः स्थिति का जायजा लिया. साथ ही विधायक ने तटीय लोगों से शीघ्र ही कटान रोकने के लिए प्रबन्ध कराने का भरोसा दिया.

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क्षेत्र मे घाघरा नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है. मानसूनी वर्षा के जल स्तर में बढ़ोतरी से तटवर्ती ग्रामों के हजारों लोग बाढ़ की आशंका को लेकर भयग्रस्त हो गए हैं. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार को अपराह्न जलस्तर 61.850 मीटर रिकॉर्ड किया गया. जबकि खतरे का निशान 64.010 मीटर है. पिछले 24 घंटे तक जलस्तर में एक-एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि हो रही है. नदी के विकराल रूप को को लेकर तुर्तीपार बाशिंदे सहम गए हैं.

उधर चैनपुर, गुलौरा, मठिया, महुआतर, सहियां,कटहर बारी, हल्दीरामपुर आदि स्थानों पर कटान हो रही है. पूर्व में भी कृषि योग्य सैकड़ों एकड़ भूमि घाघरा नदी में जलमग्न हो चुकी है. कट-कट कर नदी की जलधारा कृषि योग्य भूमि को विलीन होते देख ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है. कटान की मुख्य वजह नदी की जलधारा मुड़ने को माना जा रहा है.

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देवरिया जिले के बरहज के पास तटवर्ती क्षेत्रों में बने ठोकर से नदी की धारा टकराने के बाद सीधे मुड़ते हुए बलिया जिले के तटवर्ती भागों से टकराती है. जिससे कटान की स्थिति उत्पन्न हो रही है. कटान रोकने की स्थाई व्यवस्था नहीं किए जाने से स्थिति दिनों दिन भयावह होने लगी है. समय रहते कटान रोकने की दिशा में प्रशासन द्वारा शीघ्र आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो तटवर्ती लोगों को गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है.

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