गांव पहुंचे छठ में, मासूम ट्रेन की चपेट में आकर दम तोड़ दिया

रेवती (बलिया)। नगर के उत्तर टोला मुहल्ला में उस समय अचानक मातम की स्थिति पैदा हो गयी जब छठ मनाने एक परिवार रेवती स्टेशन पर उतरा और उसी दौरान परिवार का इकलौता चार वर्षीय पुत्र ट्रेन की चपेट में आकर मौके पर ही दम तोड़ दिया. घटना के बाद पुरे मुहल्ले में मातम पसर गया.
नगर के वार्ड नं 12 (उत्तर टोला, पुल पर) निवासी सन्तोष कुमार तिवारी महोबा जिला मुख्यालय पर बिजली विभाग में जेई के पद पर तैनात हैं. श्री तिवारी बीते शुक्रवार को करीब डेढ़ बजे महोबा से बुन्देल खंड एक्सप्रेस द्वारा पत्नी अलका पाण्डेय और चार वर्षीय पुत्र अर्पित को साथ लेकर छठ मनाने के लिए अपने गांव रेवती के लिए रवाना हुए थे. वाराणसी पहुंचने के बाद वे मड़ुआडीह-छपरा पैसेंजर पर सवार हुए, जो उन्हें शनिवार को करीब साढ़े आठ बजे रात रेवती
पहुंचाई.

उधर रेवती प्लेटफॉर्म वाली लाइन पर उत्सर्ग एक्सप्रेस पहले से खड़ी थी. श्री तिवारी पुत्र को उतारने के बाद सामानों को उतारने लगे, इस बीच उत्सर्ग एक्सप्रेस चल दी. सामान उतारने के बाद जब बच्चे की आहट नहीं मिली तो बेचैन पति पत्नी बच्चे को तलाशने लगे. पहले तो लगा कि अर्पित पैसेंजर ट्रेन में तो नहीं छूट गया, किन्तु तुरन्त पता चला कि उत्सर्ग के चपेट में न जाने कब और कैसे आकर अर्पित रेल लाइन पर दम तोड़ दिया. ट्रेन बच्चे को क्षत विक्षत कर गुजर चुकी थी. पुत्र की स्थिति देखते ही मां बेहोश होकर मौके पर ही गिर पड़ी. पिता का रोते रोते बुरा हाल हो गया. बच्चे का शव घर लाए जाने के बाद उसकी दादी जानकी पछाड़ें खा कर गिर पड़ी. वहीं दादा सुभाष तिवारी केआंसू रोके नहीं रुक रहे थे. बाद में पञ्चनामा के बाद परिजनों के द्वारा शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

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