ढोलक-झाल की संगत में बजरंग बाबा की तान पर झनझना उठा दयाछपरा

बैरिया (बलिया)। जालंधर बाबा शिव मंदिर दयाछपरा मे शनिवार की शाम दो गोला शानदार चैता का मुकाबला पचरुखिया निवासी ब्यास उपेन्द्र सिंह एवं बलिहार निवासी ब्यास सुनील मिश्र के बीच हुआ. इसी बीच दयाछपरा के बुजुर्ग 80 वर्षीय बजरंग पाण्डेय ने अपने पुरानी शैली के चैता गाकर उपस्थित जन समूह को झूमने पर विवश कर दिया.

चैता गायन का शुभारम्भ जालंधर बाबा शिव मंदिर में प्रधान आरती के साथ दीप प्रज्वलित कर किया गया. सर्व प्रथम पचरुखिया निवासी उपेन्द्र व्यास ने मां सरस्वती वन्दना के बाद”राम जी जन्मले चइत में हो रामा, रामनमी दिनवा गा कर गायन का शुभारम्भ किया. वहीं दूसरी पाली में आये बलिहार निवासी सुनील मिश्र ने गणेश वंदना कर “राम जी जन्मले चइत में हो रामा करे खाती भोले बाबा अईले दरसानावा हो रामा करे खाती”आदि गीत गा कर चइता में समा बाध दिया.

उसके बाद दोनों गायकों ने आपने गायन कला से दर्शकों को पूरी रात गुदगुदाते रहे. चइता में उस समय नया मोड़ आ गया, जब कहते हैं कि चइत के माह में सुखा पेड़ भी हरा हो जाता है. इसको चरितार्थ करते हुए दया छपरा निवासी 80 वर्षीय बुजर्ग बजरंग पाण्डेय अऩायास चइता गाने लगे – चुनरी ना पहिरब हो रामा पियरी ना पहिरब हो, चोलिया बूटी दार पियरी ना पहिरब रामा, आईल चइत के बहार पियरी ना पहिरब रामा.” उनके गायन पर श्रोता खड़े होकर झूमने लगे. उनकी पुरानी शैली के चइता में दर्शक पूरी रात गोता लगाते रहे.

इस मौके पर दुर्गा शंकर पाण्डेय, विनय पाण्डेय रामेश्वर जी मुनु, बबलू ,राजा, बाला,गिरिजा शंकर ,नीलू, लालजी मास्टर, अमर गुप्ता, मंगल सिंह, अनिल सिंह आदि उपस्थित रहे. अंत में आयोजक हरेन्द्र पाण्डेय ने कार्यक्रम सफल बनाने में सभी आंगतुकों के प्रति आभार प्रकट किया. सर्वप्रथम दया छपरा के बुजुर्ग बजरंगबली पांडेय ने जय भीम जाइवी गंगोत्री जलपरी ले आईबी हो रामा, तू है जलवा तू है जलवा फीवर के चढ़ाई हो रामा तू है जलवा गाकर चेता का शुभारंभ किया. तत्पश्चात जवाब में आए उपेंद्र व्यास राम जी जन्म हिमालय चरित्र मैं हो रामा रामनवमी जीना गाकर उपस्थित जनसमूह को घूमने पर विवश कर दिया.

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