- जनपद के सीयर ब्लाक में 4203 जबकि शहरी क्षेत्र बलिया में 848 पंजीकरण
बलिया: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत जनपद में अब तक माह मार्च 2020 के लक्ष्य के सापेक्ष 88 फीसदी से अधिक महिलओं का पंजीकरण हो चुका है.
गड़वार, रसड़ा, सीयर और बेरुआरबारी ब्लाक ने लक्ष्य के सापेक्ष सबसे अधिक उपलब्धि प्राप्त की है. हालांकि शहरी क्षेत्र इस मामले में सबसे पीछे है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रीतम कुमार मिश्र ने बताया कि जनपद में अब तक मातृ वंदना योजना के तहत 42003 लाभार्थियों को भुगतान किया जा चुका है. इस योजना में अब तक 46 हजार 346 पंजीकरण हो चुके हैं.
उनके अनुसार सीयर ब्लाक में 4203, नगरा में 3985, रसड़ा में 3665, गड़वार में 3268, दुबहड़ में 2889, बैरिया में 2821, हनुमानगंज में 2454, चिलकहर में 2444, पन्दह में 2440, सोहांव में 2300, मुरलीछपरा में 2294, रेवती में 2258, नवानगर में 2241, बांसड़ीह में 2214, बेरूवारबारी में 2125, मनियर में 2065, बेलहरी में 1832 और शहरी क्षेत्र बलिया में 848 पंजीकरण किये गये हैं.
योजना में इसकी भी व्यवस्था की गई है कि काम करने वाली महिलओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने के साथ ही उचित आराम और पोषण भी सुनिश्चित किया जाए.
गर्भवती महिलओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और नकदी प्रोत्साहन के जरिये अधीन पोषण के प्रभाव को कम करना भी योजना का उद्देश्य है.
योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार के लिए सीधे उनके खाते में तीन किश्तों में पांच हजार रुपये की सहायता राशि भेजी जाती है.
नोडल अधिकारी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना डॉ. एसके तिवारी ने बताया कि केन्द्र, राज्य सरकार या किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के साथ नियमित रोजगार करने वाली महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
इसके अलावा जो महिलाएं किसी अन्य योजना या कानून के तहत समान लाभ प्राप्त कर रही हैं, उसे भी इसका लाभ नहीं मिलेगा. इसके अलावा प्रथम बार गर्भवती होने वाली सभी महिलाएं इस योजना का लाभ ले सकती हैं.
योजना से लाभान्वित हुईं दुबहड़ ब्लाक अन्तर्गत ग्राम-जनाड़ी की लाभार्थी 26 वर्षीया निकिता और 28 वर्षीया काजल ने बताया कि इस योजना से पहली बार गर्भवती हुईं महिलाओं के लिए पोषण-स्वास्थ्य को बढ़ावा देना सम्भव हो रहा है.
प्रधानमंत्री द्वारा चलायी गयी यह बहुत अच्छी योजना है, जिसका लाभ सीधे लाभार्थी को प्राप्त हो रहा है. इससे जच्चा और बच्चा दोनों की देखभाल हो पा रही है.