खस्ताहाल सड़कों पर हाफते भागते ‘अपनों’ को टुकुर टुकुर निहारता सिकंदरपुर

सिकंदरपुर (बलिया) से संतोष शर्मा
तहसील क्षेत्र के अधिकांश संपर्क मार्ग खस्ताहाल हैं तो उसका मुख्य कारण उनके निर्माण की कमियां तो है ही समयानुसार उनके मरम्मत का अभाव भी है. निर्माण की गुणवत्ता में कमी का ही फल है कि यह सड़के समय पूर्व क्षतिग्रस्त हो गई. जिसका कुफल आज उन पर आवागमन करने वालों को भोगना पड़ रहा है.
नवानगर ब्लॉक के बसारिकपुर, सीसोटार, लीलकर टीएस बंधा मार्ग को ही ले तो यह मरम्मत के अभाव में जर्जर है. शासन व प्रशासन में बैठे लोगों को न केवल मुंह चिढ़ा रहा है, बल्कि इस पर आवागमन काफी कठिनाई पूर्ण हो गया है. मार्ग का पिच जगह जगह उखड़ गई है. गिट्टियां हट जाने से जगह-जगह गड्ढे उभर आए हैं. यह गड्ढे अक्सर दुर्घटना के सबब बन रहे हैं. कभी-कभी तो उन गड्ढों में फंसकर साइकिल व बाइक सवार बंधा के नीचे गिरकर बुरी तरह से चोटिल हो जाते हैं.
सीसोटार गांव के लोगों के अनुसार चंद वर्ष पूर्व ही इस मार्ग को नए सिरे से पिच किया गया था. निर्माण में मानक की कमी के कारण चंद महिना बाद से ही पिच और गिट्टियां जो उखड़नी शुरू हुई. वह आज भी जारी है. बावजूद इसके संबंधित कोई अधिकारी इधर झांकने नहीं आया. न हीं अब तक इसकी मरम्मत अथवा नए सिरे से निर्माण की व्यवस्था की गई.
इसी प्रकार पंदह ब्लॉक के संदवापुर की किकोढा भी काफी खस्ताहाल है. दोनों गांव को जोड़ने वाला यह मार्ग आज भी कच्चा पड़ा हुआ है. जिससे बरसात के दिनों में पैदल तो दूर साइकिल व दोपहिया वाहनों से आवागमन ठप पड़ जाता है. इसी तरह लंबे समय से मांग के बावजूद नगरा मार्ग के रामपुर चट्टी से संदवापुर तक जाने वाले माइनर नहर मार्ग को आज तक पक्का नहीं किया गया. यदि इस कच्चे मार्ग को पिच कर दिया जाता तो अनेक गांव के लोग काफी लाभान्वित होंगे. यही दशा बलिया मुख्य मार्ग से चकखान बंगरा मार्ग की है, इस मार्ग पर बिछा खड़ंजा जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे लोग आवागमन की कठिनाई झेलने को विवश है.
सड़कों के निर्माण में कमीशन खोरी कैंसर का रूप धारण कर चुकी है. यह कमीशन खोरी का ही कमाल है कि सड़कें जल्द टूट जाती हैं. जांच के लिए आवेदन पत्र देने पर कमीशन खोरी में शामिल सभी पक्ष एकजुट होकर जांच में बाधा पहुंचाते हैं. फलतः अंत में नतीजा ढाक के तीन पात की तरह निकलता है.इसलिए कैंसर रूपी कमीशन के रोग की बड़ी सर्जरी अब आवश्यक हो गया है – नीरज कुमार राय
नागरिकों में जागरूकता का अभाव तथा दायित्व से पलायन की प्रवृत्ति गुणवत्तापूर्ण सड़कों के निर्माण में बाधक बन रही हैं. यदि निर्माण के साथ लोग तत्पर रहें और कमियां देख आगे का काम कठोरतापूर्वक रोक दें तो ठेकेदार व अधिकारी निश्चित रूप से मानक के अनुसार कार्य करने को विवश हो जाएंगे. रोकने के बाद किसी तरह की लालच या अनर्गल दबाव से उन्हें परहेज करना होगा, तभी सड़कें मानक के अनुसार बनेंगी व टिकाऊ और आवागमन में सुगम होंगी – पारस नाथ शर्मा
कोई भी क्षेत्र अच्छी सड़कों के बल पर ही उन्नति कर सकता है. सिकंदरपुर के पिछड़ने का मुख्य कारण यहां अच्छी सड़कों का अभाव ही है. ऐसा नहीं कि शासन द्वारा सड़कों के निर्माण हेतु धन उपलब्ध नहीं कराया जाता है. उपलब्ध धन का सदुपयोग न होकर उसका बड़ा भाग चंद लोगों की जेब में चला जाता है. लोगों की यह प्रवृत्ति समूचे समाज को संकट में डालने वाली है – संगीता गुप्ता
सड़कों को गड्ढा मुक्त करने हेतु शासन द्वारा निर्धारित 15 जून की सीमा को पकड़ने हेतु इलाके के गांव के कुछ सड़कों पर निर्माण कार्य शुरू हुआ. उक्त निर्माण कार्य औपचारिकता मात्र रहा. कारण कि जितना घटिया स्तर का निर्माण किया गया वह सभी पक्षों को मुंह चिढ़ा रहा है. आनन फानन में कराए गए इन कार्यों की सूक्ष्म जांच समाज होने पर असलियत सामने आ जाएगी -प्रियंका श्रीवास्तव
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