बांसडीह, बलिया. यूपी में नदियों के बढ़ते जलस्तर को लेकर सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है. लेकिन बलिया में कुछ और ही नजारा है दिख रहा है.
जहां बांसडीह तहसील अंतर्गत मलाहीचक गांव के पास सरयू ( घाघरा) नदी में जलस्तर बढ़ने से नदी का कटान जारी हो गया है. ऐसे में सैकड़ों बीघा उपजाऊ खेत कटान की चपेट आ गए हैं.जिससे किसान काफी परेशान हैं. हालांकि अभी तक मानसून का सुगबुगाहट नही हुआ है. गुरुवार को डीएसपी सरयू नदी के हेड पर सुबह 62.740मापा गया. जबकि खतरा बिंदु 64.01और उच्चतम बाढ़ जलस्तर 66.00है.
किसानों की माने तो लगभग सैकड़ों बीघा उपजाऊ जमीन घाघरा नदी में समाहित हो गया है. जिसमें नवका गांव, मलाही चक,टिकुलिया, चक्की दियर,पर्वतपुर आदि दर्जनों गांव के किसानों की जमीन कटान की जद में हैं. वहीं अधिकारियों ने इस तरफ आना भी मुनासिब नही समझा है.
शिवशंकर, शिवानंद मिश्र,उपेंद्र मिश्र, आदि किसानों ने बताया कि यहां सभी उपजाऊ जमीन थी. धान से लेकर गेंहू, मक्का तक की फसल खूब लहलहाती थी लेकिन नदी ने किसानों के सारे मनसूबे ध्वस्त कर दिए. फसल लगातार जलस्तर बढ़ने से नदी के कटान से कई पेड़ नदी की कटान से नदी में जा गिरा. इतना होने के बाद अब इलाके के लोग टकटकी लगाए हैं कि कोई जिम्मेदार अधिकारी आएगा.
वहीं बाढ़ विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो बोलने से बचते रहे. इस संबंध में कुछ कहने से इंकार कर दिया. कहा कि नदी के समीप जो गांव है उनको बचाएंगे या फिर नदी से उपजाऊ जमीन को बचाया जाय. यदि उपजाऊ जमीन पर पैसा लगाएंगे तो सरकार का सारा पैसा इसी में लग जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सभी बाढ़ विभाग ,सिचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि नदियों में जहां कटान हो रहा हैं वहांविभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को 24 घण्टे तैनाती रहें. फिर भी उपजिलाधिकारी बांसडीह तक को जानकरी नहीं है. इसे भी एक विडम्बना ही कहा जायेगा.
(बांसडीह से रवि शंकर पांडे की रिपोर्ट)