सुखपुरा(बलिया)। व्यक्ति में संयम, परिवार में सुमति, समाज में सद्भाव और राष्ट्र समृद्धि हो तो विश्व में शांति की स्थापना होती है. यह बातें काशी से पधारे जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी मारुति किंकर जी महराज ने कही. वह संत यतिनाथ नाथ मंदिर परिसर में चल रहे हनुमान जयंती समारोह के दूसरे दिन बुधवार की रात भक्तों को राम कथा का रसपान करा रहे थे. कहा कि श्रीराम, परशुराम और रावण तीनों अवतारी कोटि के मनुष्य है.
तीनों ने समाज में परिवर्तन किया. रावण दबाव, परशुराम प्रभाव और श्रीराम सद्भाव से परिवर्तन किया. रावण तलवार के बल, परशुराम कुठार व श्रीराम व्यवहार के बल पर समाज का परिवर्तन करते हैं. मधुर व्यवहार से समाज में परिवर्तन करने वाला मानव पूजनीय होता है. रामचरितमानस भी हमें यही सीख देता है. इस मौके पर आचार्य रामानंद पांडेय, रसिक बहादुर, रविंद्र हरिदास, आशुतोष तिवारी, पंकज तिवारी, बबलू, गणेश प्रसाद गुप्त, सर्वदेव सिंह, रंजीत चौधरी, रामशंकर यादव आदि मौजूद रहे. संचालन राजेंद्र सिंह गंवार ने किया. इसी क्रम मे गुरुवार को आचार्य रामानन्द पान्डेय ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हनुमान जी का पूजन अर्चन कराया. विमला गुप्ता, मिथिलेश सिंह, सावित्री सिंह, माधुरी सिंह, संगीता गुप्ता, पिंकी, रिंकू, उषा गुप्ता आदि मौजूद रही.