जहरीली शराब ने ली पांच की जान, शहर कोतवाल निलंबित

बलिया। बलिया शहर के धर्मशाला चौराहा के पास स्थित शराब की दुकान से शराब खरीद कर पीने के बाद पांच लोगों की मौत हो गई. इस घटना से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है. जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत होने के चलते पुलिस अधीक्षक बलिया वैभव कृष्ण ने तत्काल प्रभाव से शहर कोतवाल सुनील कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है. साथ ही इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के लिए जिलाधिकारी बलिया को पत्र भेजा है. एसपी ने इस प्रकरण में आबकारी विभाग के कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कराने का अनुरोध किया है.

बताया जाता है कि बुधवार को धर्मशाला चौराहे के पास स्थित अंग्रेजी शराब की ठेके की दुकान से साधु (55) पुत्र दीनानाथ गोंड निवासी जगदीशपुर थाना कोतवाली बलिया , शिव कुमार गोंड (40) पुत्र गरीब निवासी जगदीशपुर थाना कोतवाली बलिया, ऐनुद्दीन (40) पुत्र मरहूम निवासी विशुनीपुर थाना कोतवाली बलिया, मोहन जी गोंड (55) पुत्र शिवमुनी निवासी बाराडीह थाना सिकन्दरपुर हाल मुकाम जगदीशपुर थाना कोतवाली बलिया और शम्भू गोंड (50) पुत्र सुन्दर निवासी जगदीशपुर थाना कोतवाली बलिया ने अन्य लोगों के साथ उल्लेखित दुकान से अंग्रेजी शराब खरीद कर पिया था.

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हालांकि इनको क्या पता था कि जिसे ये लोग असली समझ कर पी रहे हैं, वह शराब जहरीली है. और वह इनकी जिंदगी का आखिरी जाम साबित होगा. उपरोक्त पांचों लोगों की मौत हो चुकी है और उस दिन कितने और लोग यहां से शराब खरीद कर पीये हैं, इसकी अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने प्रेसवार्ता करके शहर कोतवाल के निलंबन और इस घटना के लिए रिपोर्ट पंजीकृत कर इसकी जांच करवाए जाने और इस घटना में लिप्त व्यक्तियों को चिन्हित कर गिरफ्तारी के प्रयास किए जाने की सूचना दी है. पुलिस अधीक्षक के अनुसार शिव कुमार, साधु और ऐनुद्दीन के परिजनों द्वारा पुलिस को बिना बताए ही अंतिम संस्कार कर दिया गया है. शम्भू के शव को जल प्रवाह के लिए ले जाए जाने की सूचना पर कोतवाली प्रभारी नदी की तरफ गए हैं, जहां से शव को पोस्टमार्टम के लिए लाया जाएगा. साथ ही मोहन के शव को पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम करवाए जाने का आदेश दिया गया है.

उधर, गुरुवार को देर शाम बलिया पुलिस ने 5 की जगह 3 लोगों के ही शराब से मौत की सम्भावना जताते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दिया. पुलिस अधीक्षक बलिया ने नगर मजिस्ट्रेट द्वारा मजिस्ट्रेटियल जांच के साथ ही क्षेत्राधिकारी से भी इस मामले की जाँच की बात कही है. इस संशोधित प्रेसनोट से तो यही लग रहा है कि मातहतों द्वारा पुलिस अधीक्षक को समय से सही सूचना नहीं दी गयी, जिससे इतनी बड़ी चूक हो गयी. साथ ही अब तक इस शराब के बेचने वालों तक पुलिस के न पहुंचने से तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है.

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