
बड़ों के आज्ञा में उसका कल्याण छिपा रहता है इसलिए बिना सोचे समझे बड़ो की आज्ञा का पालन करना आवश्यक-स्वामी खीमाचंद
शिव महापुराण कथा का पांचवा दिन
दुबहर, बलिया. क्षेत्र के संवरुबांध गांव में श्रीनिवास ओझा के आवास पर हो रहे शिव महापुराण की कथा के पांचवे दिन उत्तराखंड से पधारे संत कथावाचक खीमाचंद्र जी महाराज ने कहा कि श्रावण का महीना देवाधिदेव महादेव का पवित्र मास माना जाता है इसमें भी जिस सावन के महीने में पुरुषोत्तम मास यानी मलमास पड़ता हो वह अत्यंत गुणकारी और फलदाई माना जाता है.
इस महीने में भगवान शंकर के मिट्टी का पार्थिव निर्माण कर पूरे विधि विधान से षोडशोपचार कर विप्लव आदि चढ़ाकर उनकी आराधना की जाती है तो जीव के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.
उन्होंने कथा में सती द्वारा दक्ष के यज्ञ में बिना बुलाए जाने की घटना को विस्तार पूर्वक सुनाया और कहा कि हर हाल में अपने बड़ों की आज्ञा का पालन करना चाहिए. क्योंकि बड़ों के सुझाव और निर्देश में व्यक्ति का कल्याण छिपा रहता है.
This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE
इस मौके पर मुख्य रूप से गायत्री परिवार के उदय शंकर चौबे, जितेंद्र सिंह, गोविंद माधव सिंह, श्रीधर चौबे, पारसनाथ पाठक, महावीर पाठक, कृष्णदेव सिंह, सर्वजीत पासवान, तारकेश्वर पांडे, लूड्डू पांडे ,जे पी तिवारी, कुंज बिहारी दुबे, गणेश चौधरी सहित अनेक लोग उपस्थित रहे .