एक साल से भारी वाहनों के लिए बंद है गऊघाट पुल

भारतगंज, प्रतापपुर , मिर्ज़ापुर होते हुए बनारस जाने वालों को झेलनी पड़ती है भारी परेशानी

नारीबारी (इलाहाबाद) से लालचंद शुक्ला

नारीबारी से भारतगंज, प्रतापपुर , मिर्जापुर होते हुए बनारस को जोड़ने वाले मार्ग पर गऊघाट में टोंस नदी पर बना पुल पिछले एक साल से भारी वाहनों के लिए बंद है. यदि किसी वाहन को मिर्ज़ापुर या बनारस जाना हो तो 45 किलोमीटर की अतिरिक्त यात्रा कर इलाहाबाद जाना पड़ता है. इससे समय और तेल दोनों की बर्बादी होती है, साथ ही गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचता है.

सबसे ज्यादा परेशानी पुल उस पार रहने वालों को उठाना पड़ता है, वो बड़े वाहन से अपना सामान उस पार नहीं ले जा सकते. इसके लिए उन्हें ठेलिया या काफी हल्के चार पहिया वाहन का सहारा लेना पड़ता है. इससे उनका धन और समय दोनों बर्बाद होता है. नया पुल कब बनेगा विभाग के अधिकारी बताने को तैयार नहीं हैं.

उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित इस पुल का निर्माण 1955 में किया गया था. इस पुल के बीच से बेलन नहर भी गुजरती है. यानी कि ऊपर सड़क और उसके नीचे नहर,यह अपने आप में अजूबा है. 2016 में बाढ़ आई , उसके बाद पुल निर्माण से जुड़े अफसरों ने आवागमन के लिए खतरा बताते हुए पुल को वगैर कोई वैकल्पिक इंतजाम किए बंद कर दिया. इस पुल के 55 पावे हैं. इसको बनाने में 21 लाख रुपये खर्च हुए थे. दो साल का समय लगा था. 4000 टन सीमेंट, 80000 टन लोहा का इसके निर्माण में इस्तेमाल किया गया. 5,00,000 फुट पत्थर की चिनाई का प्रयोग किया गया. कभी यह स्थान पर्यटक स्थल भी था, यहां दूर-दूर से लोग पर्यटन के लिए आते थे लेकिन बदइंतजामी के कारण अब कोई नहीं आता.

This post is sponsored by ‘Mem-Saab & Zindagi LIVE’