ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व का प्रसिद्ध ददरी मेला शुरू
बलिया। देव दिवाली और कार्तिक पूर्णिमा स्नान के मौके पर शुक्रवार की शाम से स्नानार्थियों व मेला प्रेमियों का जनपद के गांव गांव, नगर नगर तथा बाहरी जनपदों से आगमन शुरू हो गया. लोगों की कोशिश यही रही कि पहले शाम को ही एक बार भृगु बाबा का दर्शन कर लें फिर कल्पवास, जागरण व स्नान के कार्य में लगें. ऐसे में स्नानार्थियों का रेला ग्रामीण अंचलों के साथ ही गैर जनपद से भृगुनगरी में उमड़ पड़ा है. स्नानार्थी महर्षि भृगु की पावन धरा पर जागरण करने के साथ ही आधी रात के बाद स्नान शुरू कर दिए.
इसके पूर्व सायं नगर पालिका अध्यक्ष, जिलाधिकारी, विधायक आनंद स्वरूप शुक्ल आदि गंगा आरती के लिए पहुंचे. विद्वत ब्राह्मणों की टोली द्वारा वैदिक मन्त्रोंच्चार के बीच वाराणसी से आए ब्राह्मणों ने दीपमाला के साथ गंगा आरती की. परम्परागत पूजन के साथ ददरी मेला की शुरुआत हुई.
शनिवार को भोर से ही गंगा नदी के तटों पर श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे. स्नानार्थियों की भीड़ ग्रामीण अंचलों के साथ ही गैर जनपद से भृगुनगरी में भी रही. स्नानार्थी महर्षि भृगु की पावन धरा पर पूजन करने आधी रात से पहुंचने लगे. सुबह मौसम ठंडा होने के बावजूद भक्तों ने पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई.
भीड़ को देखते हुए महावीर घाट से संगम घाट तक चारों ओर नगर पालिका द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से बैरेकेटिंग आदि की संपूर्ण व्यवस्था की गई है. दूसरी तरफ पीडब्लूडी की तरफ से गंगा की ओर जाने वाले मार्ग का काया कल्प किया गया है.
इस वर्ष भी संगम घाट पर गंगा स्नानार्थियों की संख्या लाखों में बताई जा रही है. प्रशासन का दावा है कि इस साल भी एक लाख से ऊपर श्रद्धालु स्नान करने पहुंचेंगे. गंगा घाटों पर गोताखोर, जल टीम, पीएसी के जवान सहित कई थानों की पुलिस, होमगार्ड के जवानों के साथ गैरजनपदों से भी पुलिस की कई टीमें मंगाई गई है. इन पर नजर रखने के लिए एएसपी, सीओ, कोतवाल भी विशेष तौर पर लगे दिखे.
ऐतिहासिक ददरी मेला की शुरूआत कार्तिक पूर्णिमा स्नान के साथ हो गया है. संगम घाट पर गंगा स्नान करने के बाद स्नानार्थियों की भीड़ मेले के तरफ बढ़ी. मेलार्थियों की भीड़ को देखते हुए ददरी मेला में सर्कस, झूला, जादू एवं खान-पान की दुकानें सज-धजकर आकर्षित करने में जुटी रही.
गंगा स्नान व भृगु बाबा के दर्शन के बाद लोगो मेले का आनन्द लेने उमड़ पड़े.