सुसाइड नोट के मजमून से साफ है कि वह कई दिनों से सुसाइड की योजना बना रहे थे 

लखनऊ के भैंसाकुण्ड घाट पर होगा आईपीएस सुरेंद्र दास का अंतिम संस्कार

कानपुर/लखनऊ। पुलिस की जांच पड़ताल और पूछताछ में जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उसके मुताबिक पच्चीस मिलीग्राम सल्फास बनी आईपीएस सुरेंद्र कुमार दास की मौत की वजह. मगर उससे भी बड़ा कारण जो सामने आ रहा है वह है पारिवारिक कलह. मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक कानपुर के एसपी (पूर्वी) सुरेंद्र दास विशुद्ध शाकाहारी थे, जबकि पत्नी मांसाहारी. दंपति के बीच कई मुद्दों पर अक्सर खटपट होती थी. मसलन परिवार की मदद के मुद्दे पर. छोटे-छोटे विवाद, इगो प्रॉब्लम और खुद को सही साबित करने की होड़ धीरे धीरे आत्महत्या का मार्ग प्रशस्त करती रही.
हालांकि सुसाइड नोट में सुरेंद्र दास ने किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया है. मगर वह अरसे से इस दुनिया से कूच करने का रास्ता तलाश रहे थे. मौत के हाईवे पर रफ्तार भरने से पहले उन्होंने विधिवत जरिया की तलाश इंटरनेट और गूगल के माध्यम से किया. एसएसपी अनंत देव तिवारी की माने तो सुसाइड नोट के मजमून से साफ है कि वह कई दिनों से सुसाइड की योजना बना रहे थे. गूगल पर लगातार सर्च करने के बाद ब्लेड से कलाई की नस काटने और जहर खाने का दो आप्शन उन्होंने चुना, मगर ब्लेड से नस काटने की दर्दनाक कल्पना ने उन्होंने डिगा दिया. बस अब जहर खाना ही सुविधाजनक लगा. बताया जाता है कि उन्होंने सल्फास निगलने के तत्काल बाद पत्नी को सुसाइड नोट थमा दिया था.

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कानपुर के पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) के पद पर तैनात रहे भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी सुरेन्द्र कुमार दास जहरीला पदार्थ खाने के कारण करीब पांच दिनों तक चली मौत से जंग आज आखिरकार हार गये. कानपुर के एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने दास के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि दास ने कानपुर के एक अस्पताल में रविवार को 12 बजकर 19 मिनट पर अंतिम सांस ली. वर्ष 2014 बैच के पुलिस सेवा के अधिकारी रहे दास ने गत पांच सितम्बर को संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खा लिया था. पोस्टमार्टम और पुलिस लाइन में गार्ड ऑफ ऑनर के बाद सुरेंद्र कुमार के शव को सरकारी शव वाहन से लखनऊ ले जाया गया. जहां रात भर अंतिम दर्शन के बाद सोमवार की सुबह भैंसाकुण्ड घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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उधर, स्थानीय मीडिया में कई तरह की चर्चाएं हैं. आईपीएस सुरेंद्र दास के बड़े भाई ने कहा, ‘सुरेंद्र अपनी पत्नी और ससुरालवालों की वजह से तनाव में थे. उनकी शादी के दो महीने बाद ही तलाक की बात शुरू हो गई थी. दोनों की शादी शादी डॉट कॉम के जरिए हुई थी. उनकी पत्नी ना ही मुझसे और ना ही मां से बात करने देती थी. उसके संस्कार नहीं ठीक थे.’ उन्होंने यह भी बताया कि शादी के बाद सुरेंद्र की पत्नी एक दिन भी ससुराल में नहीं रुकी थीं. सुरेंद्र के भाई ने आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में सुरेंद्र की पत्नी और ससुरालवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है. आईपीएस सुरेंद्र सिंह के ससुर डॉ. रावेंद्र सिंह की माने तो सब कुछ गलत है, समय आने दें, सब सच्चाई बता दूंगा. मेरी बेटी पूरी तरह से टूट गई है. 
बलिया के भरौली गांव के रहने वाले सुरेंद्र के जहर खाने के मामले की जांच शुक्रवार को एसपी क्राइम राजेश कुमार यादव ने शुरू कर दी थी. शुरुआती जांच में सामने आया है कि सुरेंद्र कुमार जब तनाव में होते थे या पत्नी से तनातनी होती थी तब फालोअर और अन्य कर्मचारियों को घर से बाहर कर देते थे. कैंट पुलिस ने फिलहाल उनके आवास में ताला लगा दिया है. चाभी एक राजपत्रित अधिकारी को सौंपी गई है. अफसरों का कहना है कि जांच या किसी साक्ष्य जुटाने की जरूरत हुई तो एसपी के आवास को खुलवाकर जांच की जाएगी.

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