बलिया। जनपद के राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए जेडी द्वारा की गयी नियुक्तियां जांचोपरांत फर्जी पायी गई हैं. फर्जी पाये गये शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कवायद शुरू हो गई है.
सूत्रों की मानें तो जिस विद्यालय पर शिक्षक नियुक्त है, वहां के प्रधानाचार्य द्वारा मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इससे विभागीय गलियारें में हड़कंप मच गया है. शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए माध्यमिक संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ द्वारा जुलाई 2015 में 65 शिक्षकों को नियुक्त किया गया था. जेडी के आदेश पर शिक्षक जनपद के विभिन्न राजकीय विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण कर लिये. वेतन भुगतान से पूर्व नियुक्त शिक्षकों के कागजातों की जांच करायी गई.
इसमें अधिकतर शिक्षकों के कागजात फर्जी पाये गये. फर्जी पाये गये शिक्षकों में से लगभग 38 शिक्षक नौकरी छोड़कर घर जा चुके हैं. शेष शिक्षक अभी भी विद्यालयों पर कार्यरत है और उनके द्वारा वेतन भुगतान के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जबकि उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए कागजी कार्रवाई की जा रही है. विभागीय सूत्रों की मानें तो जुलाई 2016 में अधिकारियों की बैठक में मौखिक तौर पर जेडी द्वारा की गई नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया था, लेकिन इससे संबंधित पत्र अभी तक जारी नहीं किया गया है. हालांकि नियुक्ति निरस्तीकरण के बाद भी नियुक्त शिक्षकों का जनपद में आने का क्रम जारी है, लेकिन उन्हें कार्यभार ग्रहण नहीं कराया जा रहा है. सूत्र तो यहां तक कह रहे है कि फर्जी नियुक्ति के चलते जेडी कार्यालय आजमगढ़ के अधिकांश अधिकार छीन लिये गये हैं.