बैरिया: बाढ़ और कटान के कारण दुबेछपरा जैसे एक टापू बन गया है. घर के चारों ओर फैला पानी और घरों से इस आपदा को देख रहे हैं लोग. वे कुछ सोच नहीं पा रहे कि क्या करें और क्या नहीं.
सबकी निगाहों को किसी मसीहा का इंतजार है. उधर, इस संकट को देखते हुए घर से निकले लोग बंजारों की तरह सड़क के दोनों किनारों पर ठिकाना बना लिया है. उनको लंगर से खाना और टैंकर से पानी मुहैया कराया जा रहा है.
गलती किसी की और भुगत रहा है कोई और. वे अकेले नहीं, उनके साथ पूरा परिवार और कुछ सामान हैं. बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक शामिल हैं. अपने साथ लाये मवेशियों को जहां-तहां बांध दिये हैं. मवेशी भी हैं.