बैरिया. चांददियर की बाढ़ पीड़ित महिलाओं ने त्रिपाल नहीं मिलने को लेकर बैरिया तहसील में जमकर हंगामा किया. नायब तहसीलदार रजत सिंह के बहुत समझाने के बाद भी दूर-दूर से आयी सैकड़ों महिलाएं त्रिपाल लिए बिना जाने को तैयार न हुईं. बहुत देर तक तहसील में बैठी रही.
तहसील प्रशासन महिलाओं से एक दिन बाद मौके पर जाकर जांच करके त्रिपाल देने की बात कहता रहा, आखिर में लंबे इंतजार के बाद बाढ़ पीड़ित महिलाएं थक-हारकर खाली हाथ वापस लौट गई.
गुरुवार को चांददियर नई बस्ती की सैकड़ो महिलाएं तहसील पर अपना आधार कार्ड लेकर बैरिया तहसील में पहुंची. उन्होंने अपने ग्राम प्रधान पर भेदभाव करने का आरोप लगाया.
दो दिन पहले भी महिलाएं तहसील पर आई थीं, तब वितरण कर रहे कर्मचारियों ने उन्हें यह कहकर वापस लौटा दिया था कि पहले विधायक जी के यहां से कूपन लेकर आओ तब त्रिपाल मिलेगा.
गुरुवार को नायब तहसीलदार रजत कुमार सिंह ने बिना जांच के त्रिपाल देने में असमर्थता जताई तो महिलाएं उप जिलाधिकारी अभय कुमार सिंह के चेम्बर में जबरन जाने लगी, लेकिन वहां मौजूद गार्ड ने सभी महिलाओं को रोककर केवल जानकी देवी, रामसिया देवी, लक्ष्मीनिया देवी, फूलमती देवी,सीता देवी सहित पांच महिलाओं को एसडीएम के मिलने की अनुमति दी.
महिलाओं ने एसडीएम को बताया कि प्रधान हमारी अपने से अलग जाति होने के कारण हम लोगों के साथ भेदभाव करता है, इसलिए गांव में हम लोगो को त्रिपाल नहीं मिल पायेगा, आप यहीं पर त्रिपाल दिलवा दीजिए.
एसडीएम ने शुक्रवार को सुबह 10 बजे नायब तहसीलदार से उनके गांव में ही त्रिपाल भेजवाने का आश्वासन दिया. किन्तु महिलाएं त्रिपाल लेने की जिद पर अड़ी रही. बाद में तहसील बन्द होने के बाद प्रशासन को कोसते हुए महिलाएं खाली हाथ वापस लौट गई.
इस संदर्भ में नायब तहसीलदार रजत सिंह ने बताया कि तहसील में से ही त्रिपाल दिए जाने की व्यवस्था शुरू की जाती है तो यहां त्रिपाल लेने वालों की भीड़ इकट्ठा हो जाएगी. उस गांव में पहले भी कुछ त्रिपाल उपलब्ध कराया गए हैं और जो शेष बाढ़ पीड़ित हैं उन्हें शुक्रवार को मौके पर ही जाकर जांचोपरांत त्रिपाल मैं स्वयं उपलब्ध करा दूंगा.
(बैरिया से वीरेन्द्र मिश्रा की रिपोर्ट)