लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई बीजेपी ने गहन मंथन के बाद आखिरकार योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री चुन लिया. एएनआई ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है. केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा होंगे उपमुख्यमंत्री.
आदित्यनाथ की पहचान फायरब्रांड नेता के रूप में रही है. विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा रैलियां करने वाले आदित्यनाथ पूर्वांचल के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं. भाषणों में लव जेहाद और धर्मांतरण जैसे मुद्दों को उन्होंने जोर शोर से उठाया था. बीजेपी के इस फायर ब्रांड नेता के बारे में जानें कुछ अनसुनी बातें.
बता दें कि 5 जून 1972 को उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था. वहीं योगी का असली नाम अजय सिंह है. वे आज गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं
योगी यूपी बीजेपी के बड़े चेहरे माने जाते थे. 2014 में पांचवी बार योगी सांसद बने.उन्होंने गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित में बीएससी किया. वो हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, जो कि हिन्दू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है.योगी आदित्यनाथ 1998 से लगातार गोरखपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
योगी महंत हैं. उनके पास न खुद की जमीन है और न कोई घर. इसके बावजूद उन्हें कार रखने का शौक है. 2004 में योगी के पास एक क्वालिस, एक टाटा सफारी और एक मारुति एस्टीम कार थी. 2009 में उन्होंने अपनी कारें बदलीं. उन्होंने एस्टीम और क्वालिस को हटाकर अपने गैरेज में एक नई सफारी और एक फोर्ड आइकॉन को शुमार किया.
1998 में उनके राजनीति गुरु महंत अवैद्यनाथ ने से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई. 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे, उस वक्त उनकी उम्र महज 26 साल की थी.
हिंदू युवा वाहिनी का गठन करने वाले योगी ने धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दिया था. वो कई बार विवादित बयान देने के मामले में चर्चा में आ चुके है. 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया, गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा. योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए.
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