किसानों ने ग्रीन एक्सप्रेसवे के सर्किल रेट पर जताई आपत्ति,बैठक कर एसडीएम को दिया प्रतिवेदन

सादे कागज पर लेखपालों के कहने पर किसान ना करें हस्ताक्षर

 

बैरिया, बलिया. स्थानीय तहसील परिसर में बुधवार को ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में जमीन अधिग्रहण होने वाले किसानों ने बैठक कर, मुआवजे को लेकर बहुत कम होने का आरोप लगाते हुए आक्रोश प्रकट किया, तथा एसडीएम से मिलकर अपने शिकायत बताते हुए पत्रक दिया तथा 1 सप्ताह के अंदर सकारात्मक रिजल्ट नहीं आने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

 

उल्लेखनीय है कि किसानों का आरोप है कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे में हमारी जमीन बिना किसी नोटिस और पूर्व सूचना के अधिग्रहित की जा रही है। जो मुआवजा तय किया गया है कि सर्किल रेट का चौगुना मुआवजा दिया जाएगा, यह निहायत ही त्रुटिपूर्ण है। हम लोग इसे स्वीकार नहीं करते हैं और इसके लिए हम हर संघर्ष के लिए तैयार हैं।

 

किसानों का कहना है कि अधिग्रहण की घोषणा की तारीख से 3 वर्ष पहले तक में हमारे जमीनों के आसपास में जो जमीन बिकी है उसमें सबसे ज्यादा और सबसे कम वाले रेट का औसत सर्किल रेट होना चाहिए। यहां तो 15 वर्ष पहले तय सर्किल रेट को ही मानक मानकर भुगतान करने की बात की जा रही है। जो हम किसानों को मान्य नहीं है। सर्किल रेट तय करने के नियम के अनुसार ही तय किया जाए।

 

किसानों का यह भी आरोप था कि ग्रामीणों को लेखपाल भ्रमित करके, डराकर के आधार कार्ड मांग रहे है। समझौता पत्र सादे कागज पर कराया जा रहा है। किसानों ने सरकार के रवैया के प्रति जबरदस्त आक्रोश व्यक्त किया तथा चेतावनी दी कि अगर 1 सप्ताह के अंदर पहले से चार बार दिए गए प्रार्थना पत्र जो थाना दिवस, संपूर्ण समाधान दिवस, एवं उप जिलाधिकारी को दिए गए हैं, उस पर विचार करते हुए तत्काल हमारी समस्याओं का समाधान करें तथा जिस गांव में जिस किसान के लिए जो रेट निर्धारित होता है वह पहले से ही सार्वजनिक करें।

 

किसानों का यह भी कहना था कि हमारे खेत जिस पर हम लोग चार फसल की खेती करते हैं, बाग है, घर कच्चे-पक्के झोपड़ी नुमा मकान अथवा बोरिंग नलकूप उसका घर है आदि सब को ध्यान में रखते हुए मुआवजा का राशि निर्धारित करके पहले ही सार्वजनिक किया जाए। अन्यथा की स्थिति में हम धरना, प्रदर्शन, चक्का जाम, और अनशन के लिए बाध्य होंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी तहसील प्रशासन की होगी।

 

किसानों की बैठक में बैरिया, टेंगरहीं, नवका गांव, हरखपूरा, दया छपरा, सोनबरसा दलपतपुर भोजापुर आदि गांव के किसान संघर्ष संचालन समिति के अध्यक्ष एडवोकेट धनंजय सिंह, नरेंद्र कुंवर, विनोद गुप्ता, बच्चा जी कुंवर, सुरेश सिंह, दिनेश वर्मा, बृजेश पांडे, निरंजन यादव, बबन सिंह कैलाश सिंह, मनोज पांडे, श्याम बिहारी पांडे, मिथिलेश गुप्ता, आदि सैकड़ों किसान रहे।

(बैरिया संवाददाता वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)

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