कैंसर पर शोध के चलते अमेरिका में छा गए आजमगढ़ के डॉ. महातम सिंह

आजमगढ़। विदेश में भारत का एक बार फिर डंका बजा है. आजमगढ़ के जहानागंज क्षेत्र के बजह गांव की माटी में जन्मे डॉ. महातम सिंह ने अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्लोहोम के तहत कैंसर जैसी भयानक बीमारी पर रिसर्च करके जहां भारत की क्षमता का लोहा मनवाया, साथ ही साथ आजमगढ़ समेत पूरे पूर्वांचल का नाम भी रोशन किया.

डॉ. महातम सिंह ने बताया कि जहानागंज में स्कूली शिक्षा के बाद बीएचयू से बीएसी, एमएसी एवं पीएचडी किए. इसके बाद 1976 में गवर्नर्मेंट ऑफ़ इंडिया मिनिस्ट्री ऑफ़ एजुकेशन प्रोग्राम के तहत जापान गए. 1987 में अमेरिका की यूनिवर्सिटी के तहत कैंसर पर रिसर्च किया. उन्होंने बताया कि मन में लग्न और स्पर्धा हो तो कठिन कार्य भी आसान हो जाता है. भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बस लगन एव जज्बा का अभाव दिखता है.

उन्होंने बताया कि वाहनों से निकलने वाला हाइड्रोकार्बन सांस के साथ अंदर जाता है, जिससे सेल फंक्शन म्युटेसन्न हो जाता है, जिससे डीएनए के म्युटेसन से शरीर में कैंसर बनता है. डॉ.सिंह वर्तमान में अमेरिका के नॉर्थ कैरोलाइना में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बीएएसएफ की केमिकल कंपनी में एग्रो केमिकल एवं प्लांट टेक्नॉलॉजी के रिसर्च सेंटर में रिसर्च डेवलपमेंट ऑफिसर हैं. 27 साल बाद अपने वतन आकर वे अत्यंत सुख की अनुभूति कर रहे हैं. उन्होंने युवाओं से कहा कि अपने भीतर के ताकत को जगाये तो कोई कम कठिन नहीं है.

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