महत् पालेश्वर महादेव के रुद्राभिषेक से पूरी होती है हर मनोकामना
भगवान की लीला देखकर हैरत में रह गए गांववासी
सहतवार (बलिया). स्थानीय नगर पंचायत के बीचों-बीच स्थापित बाबा महत् पालेश्वर नाथ का प्राचीन मंदिर है. यहां पर हर महीने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है. सावन के पावन माह में यहां स्थानीय नगर पंचायत सहित क्षेत्रीय भक्तों की भारी भीड़ रहती है. ऐसी मान्यता है कि श्रावण माह में बाबा के दर्शन पूजन जलाभिषेक रुद्राभिषेक करने से लोगों की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
जन श्रुतियों के अनुसार सैकड़ो साल पहले यहां पर चारों तरफ जंगल लगा हुआ था. इसी जंगल में एक लकड़हारा लकड़ी काटने की इच्छा से आया और लकड़ियां काटने लगा. लकड़ी काटते समय उसकी कुल्हाड़ी छटककर एक पत्थर की शीला पर जा लगी. कुल्हाड़ी से उस पर चोट लगने के कारण उस शीला से रक्त संचार होना शुरू हो गया.
उसी समय वहां एक भयानक सांप निकला और पत्थर के पास आकर फुफकारने लगा. इस सब दृश्य को देखकर वह लकड़हारा डर के मारे कांपने लगा और भाग खड़ा हुआ. गांव में जाकर के उसने सब वृत्तांत लोगों से कह सुनाया. इसके बाद गांव के सभी लोग उसके कथनानुसार उस जंगल में गये और उस दृश्य को देखा तो दंग रह गये.
उसी समय उक्त सभी लोगो ने शीला पर दूध दही घी चीनी मधु का लेप लगाया और गंगाजल से स्नान कराया तब जाकर पत्थर से खून का निकलना बंद हो गया.उसी समय नाग देवता शीला को गले से लपेट लिया. सन्यासी और महात्माओं ने बताया कि यह शंकर की मूर्ति है. उसके बाद सभी ने जंगल को काट करके एक नगर बसाया. जिसका नाम सभी लोगों ने मिलकर महत् पालेश्वर नाथ रखा. बाद में यही नाम संशोधन करके सहतवार रखा गया.
वर्तमान समय में आज भी नगर पंचायत सहतवार के खसरा खतौनी में महत्पाल दर्ज है.
मन्दिर के पुजारी उमाशंकर दुबे का कहना है कि आज भी जो लोग श्रद्धा पूर्वक बाबा को रुद्राभिषेक करके पूजा करते हैं उनकी हर इच्छा पूरी होती है.