डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर किया व्रत का समापन

चिलकहर: बिहार, झारखंड, बंगाल सहित पूर्वी उप्र की महिलाओं ने आस्था के पावन पर्व छठ का डूबते सूर्य के बाद उगते सूर्य को अर्घ्य देकर समापन किया.

आस्था के महान पर्व सूर्योपासना ग्राम गोपालपुर मे भी धूमधाम से मनाया गया. महिलाओं ने षष्ठी तिथि के सायं अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर सुबह सप्तमी में उदीयमान भगवान भास्कर को कृतज्ञता अर्पित कर अर्घ्य दिया.

वैसे तो डूबते-उगते सूर्य को अर्घ्य देने की हमारे यहां सनातनी परम्परा रही जो ऋषियों मुनियों तक ही सीमित रही. आज समाज का हर तबका आस्था विश्वास के साथ भगवान भास्कर को अर्घ्यदान कर उन्हें नमन किया.

छठ पर्व की शुरूआत मुख्य रूप से बिहार और बंगाल से हुई थी. धीरे धीरे यह पर्व पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित हर प्रदेश मे आज धूमधाम से मनाया जाता है जहां बिहार के लोग हैं. इससे ग्राम पंचायत गोपालपुर मे भी अछूता नही, यह पर्व गांव मे स्थित छोटे बडे 36 पोखरो मे से दस बारह पोखरा पर तो पूरी आस्था विश्वास से मनाया जाता है.

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पर्व के समापन पर सुबह ग्राम पंचायत के सदस्य लक्ष्मी देवी के पति शिव जी चौबे और प्रिया राजभर सदस्य क्षेत्रपंचायत के पति बबलू राजभर के साथ संजय कुमार गुप्ता सूर्य प्रकाश पाण्डेय कृष्ण कुमार गुप्ता, लखन राजभर, रवीन्द्र वर्मा, संजय कुमार ठाकुर, चन्दन गुप्ता, पवन राजभर राजेश शर्मा आदि के साथ ठाकुर बाबा पोखरा स्थित शिव मंदिर अपने छठ घाट पर व्रतियों को प्रणाम कर चाय पिलाया.

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