लखनऊ। गाजीपुर जिले के विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड के आरोपी बदमाश राकेश पांडेय को यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है. पांडेय पर 50,000 रुपये का इनाम था. आरोपी का नाम सुर्खियों में तब आया, जब मुन्ना बजरंगी संग मिलकर इसने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या की थी. यह एनकाउंटर लखनऊ के सरोजनी नगर में हुआ. इसी दौरान राकेश पांडेय को यूपी एसटीएफ ने मार गिराया.
राकेश पांडे मऊ जिले का रहने वाला है. मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद माना जाने लगा कि अंसारी का दाहिना हाथ राकेश पांडेय बन चुका है. राकेश पांडेय मऊ में ठेकेदार अजय प्रकाश की सिंह और मन्ना सिंह की हत्या में भी मुख्तार अंसारी संग आरोपी था. राकेश पांडेय पर यूपी के कई जिलों में आपराधिक वारदातों को अंजाम देने का आरोप है, साथ ही 10 से अधिक मुकदमें इसके उपर दर्ज थे.
एसटीएफ के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि वाराणसी एसटीएफ और लखनऊ एसटीएफ को बदमाश राकेश पांडेय को लेकर इनुपट मिली थी. इस दौरान एसटीएफ ने पांडेय के कार का पीछा किया और लखनऊ-कानपुर हाईवे पर रोकने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान आरोपी ने एसटीएफ की टीम पर फायरिंग की. इसके जवाब में एसटीएफ ने बदमाश को मार गिराया.
बता दें कि साल 2005 में मोहम्मदाबाद से भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की राकेश पांडेय, मुन्ना बजरंगी और इनके अन्य साथियों ने मिलकर हत्या कर दी थी. इस दौरान एके 47 जैसे अवैध हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया था. इस दौरान लगभग 400 से अधिक गोलियां चलाई गई थी.
कृष्णानंद राय बीजेपी के विधायक थे. गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से 2002 में विधायक बने थे. रहने वाले गाज़ीपुर के ही गोडउर गांव के थे. 29 नवंबर, 2005 को कृष्णानंद राय करीमुद्दीनपुर इलाके के सोनाड़ी गांव में एक क्रिकेट मैच के उद्धाटन में पहुंचे थे. बारिश का मौसम था, तो उन्होंने अपनी बुलेट प्रुफ कार छोड़ दी थी और साथियों को लेकर सामान्य गाड़ी से चले गए थे. क्रिकेट मैच का उद्घाटन करने के बाद शाम के करीब 4 बजे वे अपने गांव गोड़उर लौट रहे थे. रास्ते में बसनियां चट्टी के पास उनके काफिले को कुछ लोगों ने घेर लिया और एके 47 से फायरिंग कर दी. गाड़ी बुलेट फ्रुफ नहीं थी, जिससे कृष्णानंद राय और छह और लोगों की मौके पर ही मौत हो गई.