बलिया. जिराबस्ती स्थित भाजपा कार्यालय पर आपातकाल विरोध दिवस शनिवार को मनाया गया. इस अवसर पर लोकतंत्र रक्षक सेनानीयों को भाजपा जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने अंगवस्त्र व माल्यार्पण कर सम्मानित किया. एक गोष्ठी का भी आयोजन किया गया.
कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त , पूर्व सांसद भरत सिंह व जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने पं दीनदयाल उपाध्याय व डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया.
गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने कहा कि लोकतंत्र में तानाशाही का कोई स्थान नहीं होता. लेकिन सत्ता डगमगाती देख इंदिरा गांधी ने 25 जून सन् 1975 में तानाशाही रवैया अपनाते हुए आपातकाल देश में थोप दिया. जो देश हित में ठीक नहीं था. इंदिरा गांधी के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व जयप्रकाश नारायण ने किया. आंदोलन से कांग्रेस सरकार की चूल्हें हिल गईं. सरकार गिर गई. इसका बदला 25 जून 1975 को इमरजेंसी लागू कर कांग्रेस सरकार ने जयप्रकाश नारायण को जेल भेज कर लिया. देश के तमाम संगठन एक साथ खड़े हुए. हजारों लोग जेल में बंद कर दिए गए. बाद में उन्हें ही लोकतंत्र रक्षक सेनानी कहा गया. इन सेनानियों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि 19 महीने जेल में रहने के बाद भी उनका हौंसला कम नहीं हुआ. वर्ष 1977 में आम चुनाव हुआ और इसमें कांग्रेस बुरी तरह पराजित हुई.
गोष्ठी को जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू, पूर्व सांसद भरत सिंह ,हरे राम चौधरी,गोपाल सिंह आदि ने संबोधित किया. संचालन जिला महामंत्री प्रदीप सिंह ने किया.
इस मौके पर रामजी सिंह,आलोक शुक्ला, सतबीर सिंह,अरुण सिंह बन्टू,अशोक यादव,रामायण सिंह, राजन सिंह, विरेन्द्र मिश्रा,आशिष पाण्डेय,मोनू गुप्ता , अभिषेक सिंह , अभिषेक सोनी, अभिमन्यु गुप्ता आदि लोग रहे.
(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)