डॉ ब्रह्म प्रकाश सिंह मेमोरियल सोसाइटी ने शिक्षा और पर्यावरण पर लेक्चर सीरीज का आयोजन किया

डॉ ब्रह्म प्रकाश सिंह मेमोरियल सोसाइटी, बलिया की ओर से फेसबुक लाइव के जरिए दो दिवसीय लेक्चर सीरीज का आयोजन किया गया. इसमें शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रहे विद्वानों और समाजसेवियों ने हिस्सा लिया.

 

उदघाटन कार्यक्रम में अध्यक्ष डॉ प्रेम प्रकाश सिंह ने जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो कल्पलता पांडेय, अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अरुण दिवाकर नाथ बाजपेयी, छपरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो हरिकेश सिंह एवं टीचर ट्रेनिंग संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो विजय अग्रवाल सहित सभी का स्वागत किया.

 

मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. कल्पलता पांडेय ने कहा कि हमारी शैक्षिक प्रणाली का उद्देश्य अच्छा इंसान बनाना होना चाहिए. संस्थान को अपने विद्यार्थियों के लिए परंपरागत विषयों के साथ साथ तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा की भी व्यवस्था करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्होंने बलिया के सभी महाविद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए मूल कर्तव्यों के पोस्टर लगवाए है.

 

विशिष्ट अतिथि डॉ अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने बताया कि सारी समस्याओं का समाधान भारतीय संस्कृति में है, जरूरत है कि हम औपचारिक शिक्षा से सांस्कृतिक शिक्षा की तरफ बढ़े और स्वयं की शिक्षा व्यवस्था की पुनर्स्थापना की जाए.

 

पूर्व कुलपति प्रोफ़ेसर हरिकेश सिंह ने भोजपुरी में अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि जो बागी पूरी तरह से टिक जाता है वह बलियाटिक होता है. दूसरे अतिथि डॉ विजय अग्रवाल ने कहां की हम पर्यावरण को देश की भौगोलिक सीमाओं में बाँटकर नहीं देख सकते. इसके लिए जरूरी है कि व्यवहारिक ज्ञान को बढ़ावा दिया जाए.

 

उद्घाटन कार्यक्रम के बाद हुए व्याख्यान में डॉक्टर श्रीधर पी. ने विज्ञान को प्रकृति की संरक्षण में सीखने पर बल दिया और उसी आधार पर कई सारे प्रयोगों को प्रकृति में घटित होने वाली घटनाओं से जोड़ा और समझाया. दूसरे व्यख्यान में डॉ मृदुल राय एवं गोपाम्बुज राठौर ने चिकित्सा में सेवा कार्य की महत्ता पर चर्चा किया एवं कोविड की तीसरी लहर से बचने के उपायों के बारे में बताया.

 

शनिवार के अंतिम व्यख्यान में रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने भोजपुरी साहित्य एवं कला के दर्शन पर अपने विचार प्रस्तुत किये.

(बलिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)

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