


बैरिया, बलिया. जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल द्वारा बुधवार को तहसीलदार पद पर पुनः संजय सिंह को बैरिया व शैलेन्द्र चौधरी को बलिया स्थानांतरण कर दिया गया है. संजय सिंह ने तहसील बैरिया में आकर अपना कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है.
इधर अधिवक्ता प्रेमचन्द श्रीवास्तव को गर्दन पकड़ कर नीचे गिराये जाने के बाद उपजे विवाद को लेकर बैरिया तहसील पर तीसरे दिन गुरुवार को भी उप जिलाधिकारी न्यायालय के सामने बैरिया तहसील बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं का क्रमिक अनशन जारी रहा. जबकि बैरिया तहसील पर तहसीलदार संजय सिंह के तैनाती कर तहसीलदार शैलेन्द्र चौधरी को बैरिया से कार्यमुक्त कर दिया गया है.
ऐसे में आंदोलित अधिवक्ता का यह कहना है कि हम लोगो की मांग पूरी नहीं की गयी है. अधिवक्ता आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं.
अधिवक्ताओं का कहना है कि तहसीलदार का स्थानांतरण हमारी समस्या का समाधान नहीं है. हमारी मांग तहसीलदार शैलेन्द्र चौधरी के निलंबन,उन्हें विभागीय जांचकर दंडित करना व हमारे द्वारा बैरिया एसएचओ को दिए गए तहरीर पर मुकदमा कर उन्हें जेल भेजना हमारी मांग थी. जब तक हम लोगों की यह तीन मांगे पूरा नहीं हो जाती तब तक हमारा आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा.

क्रमिक अनशन के बाद आमरण अनशन,प्रदर्शन के साथ ही हमारा आंदोलन और गति पकड़ेगा. क्रमिक अनशन में बैरिया तहसील बार के अधिवक्ता उमेश सिंह, देवेन्द्र मिश्र,अजीत सिंह,विजय सिंह,अरूण श्रीवास्तव,बसन्त पाण्डेय, पूर्व अध्यक्ष रूद्र देव कुंवर, गौरीशंकर पाण्डेय, अशोक तिवारी, संजय सिंह, रमेश सिंह, कृष्णा यादव, योगेन्द्र पाण्डेय, रामप्रकाश सिंह, कृष्णा नन्द सिंह,संजय सिंह आदि अधिवक्ता मौजूद रहे.
अधिवक्ताओं द्वारा न्यायिक कार्य से विरत रहने से वादकारियों का कार्य बाधित हो रहा है. वादकारी अपनी समस्या के समाधान के लिये एसडीएम आत्रेय मिश्र से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है. इन वादकारियों का कहना है कि आखिर हमारा गुनाह क्या है हम अपनी फाइलों का निस्तारण कराने के लिये तहसील न्यायालयों का चक्कर लगा लगाकर थक चुके हैं. उनका यह भी कहना है कि “देर से मिलने वाला न्याय भी अन्याय के समान होता है”.
(बैरिया से शशि सिंह की रिपोर्ट)