दुबहर : नगवा गांव के सामने जनेश्वर मिश्र सेतु के पास गंगा नदी के किनारे त्रिदंडी स्वामी गंगा घाट पर श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन शुक्रवार को तुलसी शालिग्राम विवाह का भव्य आयोजन किया गया. क्षेत्र के अनेक श्रद्धालुओं ने तुलसी शालिग्राम विवाह की मनोहर झांकी देखी.
कथावाचक डॉ. जय गणेश चौबे ने भक्तों को बताया कि जब जब धरती पर अधर्म, अत्याचार, पाप अपने चरम पर पहुंच जाता है तब-तब सृष्टि के नियंता भगवान विष्णु का अवतार होता है. भगवान कृष्ण अपनी 16 लीलाओं से परिपूर्ण हो धरती पर धर्म की स्थापना करने देवकी-वसुदेव से उत्पन्न हुए और नंद जसोदा के यहां पले बढ़े.
डॉ. चौबे ने कहा कि श्रीकृष्ण ने वहां भी अपनी कई लीलाएं दिखायी जो लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी. भगवान के आचरण, उनकी लीला अत्यंत मनोहारी है. इस अवसर पर कथा में भगवान कृष्ण जन्मोत्सव की झांकी भी निकाली गई.
इस मौके पर चंद्रभूषण पाठक, अनिल पाठक, लल्लू पाठक, अनिल चौबे, गिरधर पाठक, अजित मिश्रा, जवाहरलाल पाठक, हवलदार गिरि, हरिशंकर पाठक, भोला यादव, परमात्मा पांडेय, उमाशंकर पाठक, जगेश्वर मितवा, जितेंद्र, बबुआ पाठक, सुनीलआदि शामिल हुए.