
दुबहड़ (बलिया)। दूसरों के दु:ख दर्द को अपना दुख दर्द समझना ही मानवता की असली पहचान है. लेकिन आजकल इंसान की इंसानियत और मानवता मरती जा रही है. उक्त बातें शिवपुर दियर नई बस्ती बेयासी स्थित मंगल चबूतरा पर बुद्धिजीवियों एवं रंगकर्मियों की बैठक में सामाजिक चिंतक बब्बन विद्यार्थी ने कहा. बोले कि युवाओं पर पश्चिमी सभ्यता हावी हो चुकी है. शहर से गांव तक छोटे बड़े समारोहों में तेज आवाज के साथ डीजे की अश्लील धुनों पर डांस करना फैशन बन गया है. उसे क्या मालूम कि आस पास रहने वाले हृदय,अस्थमा एवं कमजोर मरीजों पर डीजे की तीव्र आवाज़ से क्या गुजरती होगी. रंगकर्मी पन्नालाल गुप्ता ने कहा कि डीजे के तेज आवाज के तीव्र ध्वनि प्रदूषण के कारण कई प्रकार के गंभीर रोग पैदा हो रहे हैं. अत: सरकार को डीजे के तेज़ आवाज़ पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा देनी चाहिए. इस अवसर पर जगेश्वर मितवा हंसोड़, राजू मिश्रा, गायक राजेश पाठक, कृष्णा हमदर्दी, सरल पासवान, रफीक शाह, संजय जायसवाल, अन्नपूर्णा नंद तिवारी आदि उपस्थित रहे. संचालन नीतेश पाठक ने किया.