समर्पण का रिश्ता है गुरु और शिष्य का

सिकन्दरपुर (बलिया)। गुरु व शिष्य का रिश्ता समर्पण का है. बिना गुरु के ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं है. अतः शिष्य को सदैव गुरु के प्रति समर्पित रहना चाहिए. यह विचार है श्री वनखंडी नाथ मठ सेवा समिति के अध्यक्ष स्वामी ईश्वर दास ब्रह्मचारी का. वह परम धाम परिसर डूंहा में चल रहे गुरु पूजा एवं अद्वैत शिव शक्ति महायज्ञ के समापन के अवसर पर भक्तों को आशीर्वचन दे रहे थे.

ज्ञान देकर गुरु भक्तों में धर्म के प्रति रुचि पैदा करता है

कार्यक्रम का समापन यज्ञाचार्य पंडित रेवती रमण तिवारी के नेतृत्व में विद्वानों की टोली द्वारा पूजन और पूर्णाहुति के बाद हुआ. कहा कि गुरु ही अज्ञानता रुपी अंधकार को मिटाकर ज्ञान का प्रकाश फैलाता है. साथ ही ज्ञान देकर गुरु भक्तों में धर्म के प्रति रुचि पैदा करता है. कहा कि वह सद्गुरु ही है, जिसकी कृपा से भक्त को परमानंद और मुक्ति मिलती है. यज्ञ की महत्ता के बारे में चर्चा किया और लोगों से इस प्रकार के आयोजनों में भाग लेने की अपील की. इस मौके पर विनोद यादव, दिनेश राजभर, उड़िया बाबा ,हरि ब्रहमचारी, बम जी, सुभाष चंद दुबे आदि मौजूद थे.

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