


Please LIKE and FOLLOW बलिया LIVE on FACEBOOK page https://www.facebook.com/BalliaLIVE
के के पाठक, बलिया
बलिया. ददरी मेले के ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व को देखते हुए इस अमूर्त विरासत के संरक्षण की बेहद आवश्यकता है. ददरी मेला को राजकीय मेले का दर्जा प्राप्त होने से न केवल इस सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण होगा,बल्कि मेले में जन सुविधाओ का भी विस्तार हो सकेगा. इसके साथ ही साथ बलिया की इस अमूर्त विरासत की ख्याति देश व प्रदेश स्तर पर बढ़ जाएगी.
जनपद में आयोजित होने वाले प्रसिद्ध ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक ददरी मेले को राजकीय मेला घोषित करने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने अपने पत्रांक 1175/स्था0नि0लि0-ददरी मेला-2024 दिनांक 19 अक्टूबर 2024 के माध्यम से अपनी संस्तुति सहित आख्या प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ को संबोधित एवं उसकी प्रतिलिपि प्रमुख सचिव, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ को प्रेषित किया गया है.यह जानकारी मुख्य राजस्व अधिकारी/प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय त्रिभुवन ने दी है.
पौराणिक एवं धार्मिक महत्व का मेला
ददरी मेला जनपद बलिया में आयोजित होने वाला पौराणिक एवं धार्मिक महत्व का मेला है. इसका नामकरण महर्षि भृगु जी ने अपने प्रिय शिष्य, महर्षि दर्दर मुनि के नाम पर किया था.
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान व गंगा आरती में प्रतिभाग करने वाले श्रद्धालुओ सहित महीने भर चलने वाले ददरी मेले में लगभग 50 लाख लोग, आस-पास के क्षेत्र एवं देश के कोने-कोने से बलिया आते हैं.मेले के अन्तर्गत लगने वाला मीना बाजार, क्षेत्र में व्यापार को द्रुतगति प्रदान करता है.
ददरी मेला में होता है करोड़ों का कारोबार
ददरी मेले में लगभग 30 करोड़ रूपये का व्यापार मीना बाजार के माध्यम से होता है. मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन ‘‘भारतेंदु मंच’’ पर किया जाता है, जिसके माध्यम से देश-प्रदेश के प्रसिद्ध कलाकारों जैसे कि कुमार विश्वास, राहत इंदौरी, अनुराधा पौडवाल, मैथिली ठाकुर आदि ने अपनी कला का प्रदर्शन किया है.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन से मुख्य मेला आरम्भ होता है, जिसे ‘‘मीना बाजार’’ के नाम से जाना जाता है. मीना बाजार का नाम मुगल बादशाह अकबर के द्वारा रखा गया था.मीना बाजार का संचालन भी 20 दिनो तक होता है. इसी प्रसिद्ध मीना बाजार के मेले में ओ.पी.शर्मा व पीसी सरकार जैसे प्रसिद्ध जादूगरों के द्वारा भी अपनी कला का प्रदर्शन किया गया है. ददरी मेले में गंगा आरती का आयोजन कार्तिक पूर्णिमा की रात को पवित्र स्नान से ठीक पहले किया जाता है.

मान्यताओं के अनुसार सभी प्रकार के यज्ञ अश्वमेध, विष्णु, रुद्र, लक्ष्मी आदि के करने एवं उनमें दान देने से जो पुण्य प्राप्त होते है,वह सारे पुण्य दर्दर क्षेत्र के स्पर्श मात्र से प्राप्त हो जाते है. ददरी मेला में घुड़सवारी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसे चेतक प्रतियोगिता के नाम से जाना जाता है, इसका उद्घाटन पुलिस अधीक्षक बलिया के द्वारा किया जाता है.
ददरी मेला के भारतेन्दु मंच पर दंगल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, जो मेले का सबसे लोकप्रिय आयोजन है, इस प्रतियोगिता में विजेता को बलिया केसरी के सम्मान से नवाजा जाता है. ददरी मेला के भारतेंदु मंच पर संत समागम का आयोजन किया जाता हैं .संत समागम में भारत के विभिन्न भागो से संत आते है और घाट पर संत कार्तिक पूर्णिमा के पूरे महीने कल्पवास करते है. ददरी मेले में कव्वाली, मुशायरा, लोकगीत, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, खेल-कूद प्रतियोगिता, चिकित्सा शिविर आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
Breaking News और बलिया की तमाम खबरों के लिए आप सीधे हमारी वेबसाइट विजिट कर सकते हैं.
Website: https://ballialive.in/
Facebook: https://www.facebook.com/BalliaLIVE
X (Twitter): https://twitter.com/ballialive_
Instagram: https://www.instagram.com/ballialive/
Threads: https://www.threads.net/@ballialive
अब बलिया की ब्रेकिंग न्यूज और बाकी सभी अपडेट के लिए बलिया लाइव का Whatsapp चैनल FOLLOW/JOIN करें – नीचे दिये गये लिंक को आप टैप/क्लिक कर सकते हैं.
https://whatsapp.com/channel/0029VaADFuSGZNCt0RJ9VN2v
आप QR कोड स्कैन करके भी बलिया लाइव का Whatsapp चैनल FOLLOW/JOIN कर सकते हैं.