नगरा,बलिया. मतगणना एजेंट बनने के लिए कोरोना निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता की जानकारी होते ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नगरा पर एजेंट बनना चाहने वालों की लंबी कतारें लग गई. पीएचसी के बाहर व भीतर सैकड़ों लोग कड़ी धूप में खड़ा होकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे.
बताते चलें कि प्रशासन ने मतगणना एजेंट बनने के लिए कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करना जरूरी कर दिया है. जो जांच रिपोर्ट नहीं प्रस्तुत करेगा,उसे मतगणना में जाने के लिए पास नहीं मिलेगा. ऐसा आदेश जारी होते ही जिला पंचायत सदस्य से लेकर ग्राम पंचायत सदस्य तक के उम्मीदवारों एवं उनके समर्थकों में कोरोना जांच करान के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भीड़ लग गई.
खास बात यह है कि कोरोना की जांच कराने के दौरान ही कोरोना गाइडलाइंस का जरा भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है और ना ही इसकी किसी को परवाह है. अस्पताल परिसर में ही लोग चिपक कर लंबी लाइनों में लगे और धक्का-मुक्की करते दिखे.
कोरोना बढ़ रहा लेकिन प्रशासन और जनता दोनों लापरवाह बने
नगरा, कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. स्कूल, कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. कोरोना गाइडलाइंस का पालन सबके लिए जरूरू है लेकिन नगरा बाजार व क्षेत्र में इसका पालन होता नहीं दिख रहा. नगरा बाजार में तो इसकी खुलकर धज्जियां उड़ रही हैं. यहां सवारी वाहनों पर शासन के निर्देश के बावजूद क्षमता से अधिक यात्री बैठाए जा रहे हैं. न इन वाहनों को सैनिटाइज किया जाता है और न ही क्षमता से आधे यात्रियों को बैठाया जाता है.
पुलिस पंचायत चुनाव का बहाना बनाकर मूकदर्शक बनी हुई है. ऑटो चालक तो अधिक से अधिक पैसा कमाने के लालच में कोरोना नियमों की खूब धज्जियां उड़ा रहे हैं. अधिकांश चालक और यात्री बिना मास्क के सफर कर रहे हैं.
यही स्थिति बाजार में स्थित दुकानों की है. बाजार के लगभग 90 फीसदी दुकानों खासकर किराना व सब्जी की दुकानों पर कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. अधिकांश दुकानदार या तो मास्क नहीं लगा रहे है या फिर मास्क गले में लटका कर ग्राहकों को सामान दे रहे है. ग्राहक भी बिना मास्क और दो गज दूरी के नियमों का उल्लंघन करते नजर आ रहे है.
दुकानों पर सैनिटाइजर केवल दुकानदार के उपयोग के लिए ही रखा गया है. कोरोना की दूसरी लहर अधिक खतरनाक मानी जा रही है फिर भी लोग सचेत नहीं हैं.
(नगरा से संतोष द्विवेदी की रिपोर्ट)