वन्य जीवों के हमले से मौत होने पर मिलेगा मुआवजा, जाने क्या है प्रक्रिया

वन्य जीवों के हमले से मौत होने पर मिलेगा मुआवजा, जाने क्या है प्रक्रिया

 

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आशीष दूबे, बलिया

वन्य जीवों के हमले से मौत होने पर आश्रितों पर पांच लाख तथा पूर्ण रूप से दिव्यांग होने पर चार लाख की धनराशि राज्य आपदा मोचन निधि से परिजनों को मुआवजा दिया जायेगा. सरकार की ओर से इस योजना में सर्पदंश, अतिवृष्टि, जंगली सूकर सहित 11 श्रेणियों को शामिल किया गया है.

करीब डेढ़ महीने बाद बरसात का मौसम शुरू होगा, बारिश होने के साथ ही सर्पदंश, वज्रपात व नदियों में डूबने से मौत की घटनाएं बढ़ जाती है. इससे पीड़ित परिवार के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाता है. इसको देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार ने राज्य आपदा मोचन निधि का गठन किया है.

लेकिन जानकारी के अभाव में मृतकों के आश्रित इसका लाभ नहीं ले पाते हैं. सरकार ने 22 प्राकृतिक आपदाएं अधिूसचित, जिसमें वन्यजीव के हमले से मौत व दिव्यांग होने पर मुआवजा का प्राविधान किया है.

जिले का अधिकांश इलाका दियरांचल है, जहां बाढ़ आने के बाद जंगली सूकर की संख्या बढ़ जाती है और यह मक्का सहित परवल सहित अन्य फसलों की रखवाली करने वाले किसानों पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर देते हैं कुछ की मौत भी हो जाती है. यही नहीं सड़क से वाहनों से आते जाते समय नीलगायों के अचानक आ जाने से भी लोग दुर्घटना के शिकार होकर अपंग होने के साथ मौत भी हो जाती है. ऐसे में सरकार की ओर से राज्य अपदा मोचन निधि के गठन का लाभ जिलेवासियों को मिलेगा.

अधिकारी
यदि किसी व्यक्ति की वन्यजीवों के हमले में मौत होती है तो उसके आश्रितों को राज्य आपदा मोचक निधि से नियमानुसार सहायता राशि दी जाती है. वन विभाग की तरफ से भी आर्थिक सहायता मिलती है. ‘विमल आनन्द, डीएफओ’

ऐसे करें आवेदन
वन्य जीव के हमले व प्राकृतिक आपदाओं में मृत्यु होने पर आश्रित को तहसील में आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट अटैच होनी चाहिए. वहां से स्वीकृति के बाद मृतक के आश्रितों को पांच लाख, स्थायी दिव्यांग होने पर चार लाख, आंशिक अपंगता पर एक लाख, गंभीर रूप से घायल होने पर एक लाख रुपये की सहायता दी जाती है. मुआवजा में राज्य अंश 75 फीसदी व केंद्र अंश 25 फीसदी रहता है.

योजना के लाभ के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट  जरूरी
वन्य जीव के हमले या फिर प्राकृतिक आपदा से होने वाली मौत के मामले में योजना के लाभ के लिए शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट बेहद जरूरी है. आवेदन घटना के 10 दिन के अंदर देनी होगी. जानकारी के अभाव में ग्रामीण मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार कर देते हैं, लिहाजा आश्रितों को मुआवजा नहीं मिलता है. परिजनों को इसके लिए पोसटमार्टम कराना होगा.

इन जीवों के हमले पर आर्थिक सहायता
जंगली बाघ, तेदुआ, लकड़बघा, गुलदार, भेड़िया, भालू, गैंडा, घिड़याल, हाथी, सूकर, नीलगाय आदि शामिल हैं.

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