
वाराणसी में गंगा खतरे के निशान को छूने को आतुर
वाराणसी। गंगा का जलस्तर एक सेमी प्रति घंटे की स्पीड से बढ़ रहा है. इसके चलते काशी में गंगा का पानी दशाश्मेध घाट, अस्सी घाट से होकर रिहायशी इलाकों की तरफ बढ़ने लगा है.


वहीं, प्रयागराज में तटवर्ती इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति है. मंडलायुक्त आशीष कुमार गोयल ने प्रयागराज जिला प्रशासन को हालात से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है. बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए सेना की मदद मांगी गई है.
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प्रयागराज/इलाहाबाद में भी संकट गहराया
इस बीच बलिया से सूचना मिल रही है कि जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ से प्रभावित इलाकों का दौरा करने आ सकते हैं. वह दुबे छपरा में टूटे रिंग बंधा के बाद खराब हुई स्थित का जायजा ले सकते हैं. मुख्यमंत्री वाराणसी और गाजीपुर के भी प्रभावित इलाकों का जायजा ले सकते हैं.

बलिया में गंगा के लाल निशान से उपर बहने से रामगढ़ क्षेत्र के हजारों लोग पलायन कर उंची जगहों पर चले गए हैं. हालांकि इन लोगों के लिए प्रशासन की ओर से न तो अब तक उचित शरणस्थली की सुविधा दी गई है, न ही खाने पीने के सामानों की व्यवस्था ही की गई है. हालांकि स्थानीय विधायक की ओर से इस ओर जरूर पहल की गई है. वहीं कुछ सामाजिक संगठन भी इस दिशा में आगे आए हैं.

केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार गंगा का जलस्तर 59.14 मी. दर्ज किया गया. साथ ही प्रति घंटा आधा सेमी का बढ़ाव बना हुआ है. खतरा निशान 57.61 मीटर पर है. उधर, गाजीपुर में देर शाम तक जलस्तर एक सेमी प्रति घंटा के रफ्तार से बढ़ रहा था. सोमवार शाम छह बजे तक जलस्तर 64.00 मीटर तक पहुंच गया था. खतरा बिंदु 63.10 मीटर पर है. लगातार बढ़ाव के बाद गाजीपुर में भी गंगा के तटवर्ती करीब एक हजार गांवों के लोग संकट से जूझ रहे हैं.