माॅडल स्टेशन पर स्वच्छ भारत मिशन योजना फ्लाप

बलिया। माॅडल रेलवे स्टेशन बलिया इस समय गंदगी का अड्डा बना हुआ है. यात्री प्रतिक्षालय हो या रेलवे की सरकुलेटिंग एरिया, सर्वत्र गंदगी का साम्राज्य है. अधिकारियों की उदासीनता माॅडल स्टेशन को कबाड़ बनाकर रख दिया है.

बलिया रेलवे स्टेशन पर स्वच्छता तभी देखने को मिलती है, जब किसी सीनियर अधिकारी का निरीक्षण हो. निरीक्षण के समय प्लेटफार्म, यार्ड, शौचालय तक चमकता नजर आती है. अर्से से बलिया रेलवे स्टेशन का कोई निरीक्षण नहीं हुआ. निरीक्षण के अभाव में स्थानीय अधिकारियों में सुस्ती आ गई है. स्टेशन का प्लेटफार्म पर एक बार झाडू लगने के बाद फिर कोई इधर झांकता नहीं है. स्थानीय परामर्शदात्री समिति के सदस्यों का कहना है कि लम्बे समय के बावजूद स्टेशन सलाहकार समिति की बैठक नहीं हुई. सदस्यों का कहना है कि स्थानीय निवासियों की तैनाती रेलवे स्टेशन को कबाड़ बना दिया है. कोई भी अधिकारी, कर्मचारी तैनाती स्थल पर दिखाई नहीं देता. पूछने पर कर्मचारियों का एक ही जवाब होता है, साहब फिल्ड में है.
स्टेशन के बाहर बने मूत्रालय में महीनों से इतनी गंदगी है कि कोई भी पैसेंजर इसमें जाना नहीं चाहता. लिहाजा वह सरकुलेटिंग एरिया में ही निबट लेता है. स्टेशन के उत्तर जाने वाले यात्री पेशाब के दुर्गंध के कारण बिना नाक दबाये नहीं जा सकते. शिकायत की सुनवाई करने वाला कोई नहीं है. ट्रेनों के आगमन तथा प्रस्थान के समय हालात और खराब हो जाते है. इसका समाधान स्थानीय निवासियों का तबादला ही हो सकता है. बशर्तो राजनैतिक दबाव में इनका तबादला न रोका जाय, क्योंकि राजनैतिक पहुंच के कारण ही स्थानीय निवासी बलिया में लम्बे समय से डटे हुए है.
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