पंचतत्व में विलीन हुए मानवाधिकार के अप्रतिम योद्धा चितरंजन सिंह

बांसडीह से रविशंकर पांडेय

मानवाधिकार की लड़ाई लड़ने वाले इस अप्रतिम योद्धा की यादें ही अब शेष रह गईं. मानवाधिकारवादी चितरंजन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए.

बताते चलें कि लंबी बीमारी के बाद चितरंजन सिंह का निधन शुक्रवार हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. बीते 18 जून को उनकी तबीयत अत्यधिक खराब होने पर उन्हें शहर के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती करवाया गया था. वहां से 21 जून को चिकित्सक ने उन्हें वाराणसी के लिए रेफर कर दिया. 22 जून को बीएचयू वाराणसी के चिकित्सक ने भी उन्हें घर ले जाने की सलाह दी. तब से बांसडीह तहसील अंतर्गत स्थित सुल्तानपुर उनके पैतृक आवास पर उनका उपचार के साथ देखभाल चल रहा था.

सुल्तानपुर गांव में ही हुआ दाह संस्कार

चितरंजन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. दाह संस्कार में इलाके के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. श्रद्धांजलि देने पहुँचे हस्तियों का भी तांता लगा रहा. चितरंजन सिंह को श्रद्धांजलि देने पहुँचे बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, पूर्व मंत्री राजधारी, जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही, उपजिलाधिकारी बाँसडीह दुष्यंत कुमार मौर्य, तहसीलदार गुलाबचन्द्रा, प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार सिंह, भाजपा नेत्री केतकी सिंह, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह, भाकपा माले के श्रीराम चौधरी, सुशील पाण्डेय, डॉ हरिमोहन सिंह, अखिलेश सिन्हा, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह, गोपाल जी युवा, लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष निर्भय नारायन सिंह, लेखपाल संघ बाँसडीह तहसील अध्यक्ष निर्भय कुमार सिंह, विजय चौधरी, अनूप सिंह, योगेंद्र सिंह आदि. वहीं जिलाधिकारी ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

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