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बलिया. उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बलिया जितेन्द्र कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बलिया के अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, नरेन्द्र पाल राणा द्वारा वन स्टाप सेन्टर, बलिया का औचक निरीक्षण किया गया.

बलिया. उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जितेन्द्र कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बलिया के अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, नरेन्द्र पाल राणा के संचालन में विश्राम कक्ष में समस्त अपर जनपद न्यायाधीश के साथ प्री-ट्रायल बैठक, विशेष लोक अदालत21.01.2023 को व्यापक रूप से सफल बनाने के उद्देश्य से की गयी.



जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन स्थित कान्फ्रेंस हाल में शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग,उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश के क्रम में गुरुगोविंद सिंह के साहिबजादे “महान वीर एवं सर्वोच्च बलिदानी साहिबजादा जोरावर सिंह व फतेह सिंह का अमर बलिदान पर कृतज्ञ राष्ट्र” विषयक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. यह आयोजन जनसंचार विभाग की ओर से आयोजित किया गया.



डीआरयूसीसी के सदस्य एडवोकेट देवेंद्र कुमार गुप्ता ने सख्त ऐतराज करते हुए कहा है कि सभी को पता है कि अपने इस क्षेत्र में एक तो दिन में कुहासे का दूर दूर तक कोई असर नहीं होता. दिन की अवधि में गोरखपुर से प्रातः 9.55 तथा वाराणसी सीटी से 11.30 बजे से इंटरसिटी ट्रेन मात्र 5 घंटे के बीच संचालित होने की समय सारिणी निर्धारित है जो रेल अधिकारियों के मनमानी तथा सरकार को बदनाम करने वाला निर्णय है.






पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. विजय सिंह ने कहा कि कुलपति और इनके परिवार के लोगों का संस्कार ही सेवा और गरीबों की मदद करना है. शायद इसी के कारण जबसे आप विश्वविद्यालय में आई हैं विश्वविद्यालय हर क्षेत्र में विकास कर रहा है. सहायक कुलसचिव श्रीमती बबिता सिंह ने कहा कि कुलपति के कार्यकाल में कोई भी गरीब और छोटे तबके के लोगों की समस्याओं का तुरंत समाधान होता है.


कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि देश को एकता के सूत्र में बांधने का श्रेय लौह पुरुष को ही जाता है. वह सिर्फ कल्पना करने वाले व्यक्ति नहीं, बल्कि कल्पना को जमीन पर उतारने वाले कर्मयोगी थे. हिमालय जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति और नेतृत्व क्षमता के कारण ही देश ने उन्हें सरदार माना. वह हमेशा कहते थे कि आम प्रयास से हम देश को एक नई दिशा दी जा सकती है जबकि एकता की कमी हमें नई आपदाओं में डाल देगी.


