बलिया। लखनऊ से बलिया तक निर्माणाधीन छह लेन का पूर्वांचल एक्सप्रेस वे अब गाजीपुर तक ही बनेगा. शासन के इस निर्णय के खिलाफ छात्रों ने मंगलवार को आवाज बुलंद किया. छात्रों ने रोष प्रदर्शन के बाद इस संदर्भ में एक ज्ञापन कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को सौंपा. कहा कि अगर शासन अपना निर्णय नहीं बदलता है तो आंदोलन किया जाएगा.
इस मौके पर छात्र नेताओं ने इस निर्णय को बागी धरती के बाशिंदों की भावनाओं संग खिलवाड़ करार दिया. छात्र नेता अभिजीत तिवारी सत्यम का कहना है कि स्वतंत्रता आंदोलन ही नहीं, लोकतंत्र के आंदोलन में भी बलिया की भूमिका ऐतिहासिक रही है. बावजूद इसके बिहार से सटे इस जिले को हर बात पर उपेक्षित कर दिया जाता है. शहीदों की धरती का यह अपमान है. जल्द से जल्द अगर मुख्यमंत्री जी इस निर्णय को नहीं बदलेंगे तो बलिया एक बार फिर अपने बागी तेवर का परिचय देगा. 1942 की क्रन्ति का एक बार फिर याद दिला दी जाएगी. जिसकी आवाज पूरे देश में गूंजेगी.
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अभिजीत तिवारी सत्यम के नेतृत्व में छात्र सरकार विरोधी नारे लगाते हुए छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट पहुंचा और वहां पर छात्रों को संबोधित करते हुए सत्यम ने कहा कि यहां की जनता इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. आखिर बलिया को दोयम दर्जे का ट्रीटमेंट क्यों दिया जाता है? इस सरकार ने भी ऐसा ही किया है. इस मौके पर छात्र नेता शिप्रांत सिंह, अभिषेक यादव, अविनाश सिंह चंदन, छोटू यादव, विकास विक्की, सचिन यादव, ओम सिंह, अमित यादव, अभिनंदन सिंह, राजा सिंह, प्रकाश मिश्र आदि मौजूद थे.