बलिया लाइव ब्यूरो
बलिया। पूरे भारत में वोट डालने वाली महिलाओं की तादाद उल्लेखनीय अंदाज में बढ़ रही है, मगर इसके उलट बलिया में वोटर लिस्ट में ही महिलाएं घट रही हैं. 2017 में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के मतदाता सूची को दुरुस्त करने में युद्धस्तर पर जुटा हुआ है. निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों की सबसे बड़ी चिंता एपिक और जेंडर लिंगानुपात में भारी अंतर को लेकर है. एपिक संवाद 7 फ़ीसदी ही होना चाहिए, जबकि यह अंतर बलिया में बहुत ज्यादा है. कहीं-कहीं तो यह अनुपात 80 से 90 फीसदी तक भी है.
सदर उप जिलाधिकारी ने ली बूथ लेवल ऑफिसरों की क्लास
उसी तरह लिंगानुपात में भारी अंतर देखने को मिल रहा है. एक हजार पुरुष पर महिला मतदाताओं की संख्या कम से कम 930 होनी चाहिए, जबकि वर्तमान में यह संख्या 810 या इससे भी कम है. सदर उपजिलाधिकारी रामानुज सिंह ने सोमवार को कई शिक्षा क्षेत्रों में जाकर बूथ लेवल ऑफिसरों की बैठक ली. इस मौके पर गैर हाजिर रहे बीएलओ को कड़ी चेतावनी दी गई. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के शुद्धिकरण में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने नजरिया नक्शा हर हाल में 5 जुलाई तक जमा कर देने को कहा. डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम एक जगह से काटने अथवा निरस्त करने का भी आदेश उन्होंने दिया. नजरिया नक्शा बनाने में उन्होंने कहा कि हर मंदिर व मस्जिद की सड़क, रेलवे लाइन सार्वजनिक स्थान बड़े-बड़े मकान आदि का उल्लेख अवश्य होना चाहिए. वह ब्लॉक संसाधन केंद्र के सभागार में बीएलओ की बैठक ले रहे थे. इस मौके पर बीआरसी समन्वयक तथा चुनाव से संबंधित मामलों के प्रभारी ओम प्रकाश राय ने मतदाता सूची को ठीक करने के बारे में निर्देश दिया. इस मौके पर साक्षर भारत के ब्लाक समन्वयक कृष्णकांत पाठक तथा प्रेरक भारी संख्या में मौजूद रहे.