बलिया लाइव टीम
बलिया। गंगा नदी का तेवर गुरुवार को भी तल्ख रहा. नदी के जलस्तर में प्रति घंटे एक सेमी की रफ्तार से वृद्धि रिकार्ड की गयी. शाम सात बजे नदी गायघाट गेज पर 59.324 मीटर पर बह रही थी.
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पूर्वानुमान है कि 19 अगस्त को प्रात: 08 बजे जलस्तर 59.750 मीटर पर पहुंच जाएगा, जो ‘हाई लेवल’ से महज आधा मीटर नीचे रहेगा. अचानक उफनाई गंगा से दो दर्जन से अधिक गांव टापू की श्रेणी में आ गये हैं. इन गांवों के लोगों के लिए नाव तक की माकूल व्यवस्था नहीं है. प्रशासन भी कुछ करने को तैयार नहीं दिख रहा. बाढ़ के पानी से हल्दी, हांसनगर, पोखरा, बादिलपुर, बाबूबेल, बघौंच, गरया, मझौवा, शुक्लछपरा, चौबेछपरा, लाला बागीचा, श्रीनगर, प्रेमनगर, केहरपुर, सुघरछपरा समेत दर्जनों गांवों के निचले इलाकों में फैल गया है.
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इसके चलते लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो गया है. वहीं, चौबेछपरा व श्रीनगर गांव में तबाही की कहानी कुछ अलग ही है. यहां लोग अपने घरों को तोड़ रहे है, लेकिन अगला ठिकाना कहा होगा? इसकी जानकारी तक उन्हें नहीं है। रक्षाबंधन का त्यौहार भी इन पीड़ितों के लिए खाली ही गुजर गया। कुछ बहनें ससुराल से भाइयों की कलाई में राखी बांधने के लिए आई भी, लेकिन बाढ़ के चलते उनकी खुशियां काफूर हो गयी. कल जहां उनका मायका था, आज वहां गंगा की लहरें हिलकोरे मार रही थी.
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उधर, गोपालपुर रिंग बंधे पर नदी के दबाव से गोपालपुर ग्राम पंचायत में दहशत का माहौल है. कमोवेश नौरंगा व भुआलछपरा में भी हालात खराब है, लेकिन यहां सहायता व सुविधा को कौन कहें, अब तक कोई अधिकारी झांकने तक नहीं पहुंचा.
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बलिया में बाढ़ ने बिगाड़ी हालत कई गांवों को खतरा गंगा के पानी में तेजी से बढ़ोतरी से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है रक्षाबंधन के मौके पर लोगों का आना जाना बंद हो गया है कई गांवों में पानी घुस गया है, बाड़ में तेजी से बढ़ोतरी के कारण कई गांवों के लोग अपने पालतू पशुओं के साथ घिर गए हैं. सोशल मीडिया एवं दूरभाष पर नाव मंगाने की गुहार लगा रहे हैं, ताकि सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा जा सके. अगर पानी की रफ्तार यही बनी रही तो 48 घंटे में स्थिति बेकाबू हो सकती है. जिला प्रशासन ने सभी तटवर्तियों को अलर्ट कर दिया है कि गंगा नदी के उस पार के गांव शिवपुर दियर नंबरी पांडे के डेरा, कृपा राय के डेरा में ज्यादा लोग गिरे हुए हैं. द्वाबा की स्थिति और बदतर हो गई है.
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