बलिया. समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने की सक्रिय पहल शुरू हो गई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (UPSDMA) ने सामुदायिक आधार आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण को निष्पादित करने के लिए टाइम्स सेंटर फॉर लर्निंग लिमिटेड के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है।
परियोजना के द्वितीय चरण में जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला पंचायत सभागार में हुआ। इसका शुभारंभ जिलाधिकारी श्रीहरिप्रताप शाही व एसपी विपिन ताडा ने किया। टाइम्स सेंटर फॉर लर्निंग लिमिटेड के प्रतिनिधि ब्रजेश मिश्र भी मौजूद रहे।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले की विकास योजनाओं में आपदा न्यूनीकरण तत्वों को समाहित किए जाना अति आवश्यक है। इसके आभाव में समुचित विकास संभव नहीं है। ग्राम आपदा प्रबंधन योजना बनाते समय केवल वास्तविक आंकड़े ही लिए जाए, यह संबन्धित विभाग की ज़िम्मेदारी होगी। जिलाधिकारी ने भी हर गांव में आपदा से निपटने वाली एक यूनिट की स्थापना पर बल दिया।
एसपी डॉ. विपिन ताडा ने कहा कि पुलिस विभाग किसी भी आपदा के समय प्रथम प्रतिक्रिया बल की भूमिका में रहता है। उन्होंने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व टाइम्स ग्रुप को इस प्रशिक्षण परियोजना में बलिया को शामिल करने के लिए धन्यवाद दिया। एडीएम राम आसरे ने सभी अतिथियों व प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में आपदा विशेषज्ञ डॉ हरिओम दुबे व डॉ रमेश रंजन ने आपदा से निपटने से गुर बताए।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्व विभाग के सभी तहसीलदार व नायब तहसीलदार, सभी सीओ व निरीक्षक, आपदा विशेषज्ञ पीयूष, आपदा बाबू राजेंद्र प्रसाद तथा टाइम्स ग्रुप से मेहा नेगी, दिवाकर शर्मा, विनय सनी यादव, अजय यादव, आशुतोष मिश्रा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधिकारी, लोनिवि के एई, पंचयात विभाग, पशुपालन, उद्यान, खाद्य एवं रसद विभाग, मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
पहले चरण में सभी 75 जिलों के सात विभागों के पांच सौ से अधिक अधिकारियों को ट्रेनिंग की गई थी। इनमें एडीएम, सीओ, सहायक अभियंता, जिला कृषि अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं अग्निशामन विभाग के एफ़एसओ स्तर के अधिकारी शामिल थे।
पहले चरण में राज्य स्तर पर ट्रेनिंग देने के बाद, जिला व ग्राम पंचायत स्तर के प्रशिक्षण में दो हजार से अधिक राजपत्रित और अराजपत्रित अधिकारी और उत्तर प्रदेश के 19 आपदा प्रभावित जिलों के 950 गांवों के 50 हजार से अधिक ग्रामीणों को ट्रेंड किया जा रहा है। दो महीने में इस ट्रेनिंग को पूरा कराने का लक्ष्य है। पहले चरण में लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, सोनभद्र, आजमगढ़, कुशीनगर, बस्ती, महराजगंज , बाराबंकी, अयोध्या, गोंडा, बहराइच, लखीमपुर खीरी, अलीगढ़ चित्रकूट व झाँसी को लिया गया है।