बलिया. उद्यमिता विकास कार्यक्रम एक ऐसा कार्यक्रम है जो लोगों के बीच उद्यमशीलता की क्षमताओं को विकसित करता है. छात्राओं को चाहिए कि इसे आत्मसात कर स्वावलंबी बनें. यह बातें जीजीआईसी की प्रधानाचार्य श्रीमती अलका पांडेय ने कही.
वह शुक्रवार को अपने संस्थान में कामेश्वर चैरिटेबल ट्रस्ट के सौजन्य से आयोजित जागरुकता अभियान को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं. उन्होंने आगे कहा कि उद्यमिता विकास कार्यक्रम की अवधारणा में उद्यम को शुरू करने और चलाने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान के साथ एक व्यक्ति को लैस करना शामिल है.
ट्रस्ट के सचिव संतोष तिवारी ने कहा कि ईडीपी उद्यमियों को विकसित करने का एक प्रभावी तरीका है जो सामाजिक-आर्थिक विकास, संतुलित क्षेत्रीय विकास और स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों के दोहन की गति को तेज करने में मदद कर सकता है.
इस मौके पर उन्होंने संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यक्रमों यथा अगरबत्ती, मोमबत्ती, जैम-जेली आदि के निर्माण के बारे में जानकारी दी. कहा कि कम पैसे में भी यह रोजगार किया जा सकता है.
इस मौके पर व्यावसायिक शिक्षिका संगीता पांडेय ने भी छात्राओं को हुनर से संबंधित विभिन्न पहलू पर प्रकाश डालते हुए इसका भरपूर लाभ लेने की आवश्यकता पर जोर दिया.
(बलिया से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट)