दुबहड़(बलिया)। पिछले कई सालों से ग्रामीण क्षेत्रों में एक हजार की आबादी पर कार्यरत आशा बहुओं को उचित मानदेय ना मिलने के कारण इनमें हमेशा रोष व्याप्त रहता है. इस संदर्भ में क्षेत्र के कई आशा बहुओं ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की चौबीस घंटा ख्याल रखने वाली आशा बहुओं को बहुत कम पारिश्रमिक दिया जाता है. जिससे उनके परिवार का भरण पोषण कर पाना काफी मुश्किल है. ऐसे में आशा बहुओं ने अपनी सेवाओं को देखते हुए गुजारा भत्ता के लिए सरकार से तत्काल दस हजार प्रतिमाह मानदेय की मांग करते हुए अपने नियमितीकरण मांग की है. इसके लिए क्षेत्र के सैकड़ों आशा बहुओं ने मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखने का मन बनाया है.