सेंट्रल डेस्क
रविवार को जिला प्रशासन की ओर से जारी बुलेटिन में बलिया में 57 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई, जबकि दो और मरीजों की मौत की भी सूचना है. 47 लोग डिस्चार्ज किए गए. अब जिले में कुल एक्टिव केस 648 है. जिले में अब तक कुल 4649 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 3943 मरीजों को स्वस्थ्य घोषित किया जा चुका है.
एक्टिव मरीजों में से 38 को फेफना एल-1 हास्पीटल में, तीन को जेल आइसोलेशन में तथा 560 मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है. वहीं 39 मरीजों को इलाज गैर जनपद में चल रहा है. जिले का रिकवरी रेट 84. 31 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.25 प्रतिशत है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जिले में फिलहाल कुल 421 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं.
उत्तर प्रदेश में अब 68,122 एक्टिव मामले
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटों में कोरोना के 6239 नए मामले सामने आए हैं. अब सूबे में एक्टिव मामलों की कुल संख्या 68,122 है. इसके कहर से जो लोग पूरी तरह ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं उनकी संख्या 2,39,485 हो गई है. 4429 संक्रमितों की मौत हो चुकी है.
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कल प्रदेश में 1,47,082 सैंपल्स की जांच की गई. प्रदेश में अब कुल टेस्टिंग की संख्या 75 लाख से ज्यादा हो गई है. इसके कहर से बीते 24 घंटे में 80 तथा कुल 4429 लोगों की मौत हुई है. प्रदेश की राजधानी में पॉजिटिव केस सर्वाधिक मिलने का रिकॉर्ड बरकरार है. शुक्रवार को 1145, शनिवार को 1117 तथा रविवार को लखनऊ में 24 घंटे में 847 नए पॉजिटिव केस मिले हैं. इसके अलावा प्रयागराज में 370, कानपुर में 338, गाजियाबाद में 267, गोरखपुर में 234 तथा मेरठ में 233 पॉजिटिव केस मिले हैं. उत्तर प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,12036 हो गई है.
सुबह के वक्त गरम दूध या पानी के साथ च्यवनप्राश का सेवन जरूर करें – केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय
उधर, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 को शिकस्त दे चुके मरीजों के लिए अपने नए प्रबंधन प्रोटोकॉल में उन्हें योगासन, प्राणायाम करने, ध्यान लगाने और च्यवनप्राश खाने जैसे कुछ सुझाव दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस संक्रमण से उबर चुके सभी लोगों की बाद की देखभाल और कुशल क्षेम के लिए एक समग्र रुख अपनाते हुए कहा कि ऐसे लोगों को मास्क लगाने, हाथ और श्वसन स्वच्छता, सामाजिक दूरी बनाने जैसे सभी नियमों का पालन करते रहना चाहिए. यह प्रोटोकॉल उन रोगियों के प्रबंधन के लिए एक दृष्टिकोण प्रदान करता है, जो संक्रमण से उबर चुके हैं और जिन्हें घरों में देखभाल की जरूरत है.
प्रोटोकॉल में लोगों से पर्याप्त मात्रा में गरम पानी पीने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग्य आयुष चिकित्सक से आयुष दवाइयां लेने और अगर उनकी सेहत इजाजत देती हो तो घर का काम करने की सलाह दी गई है. इसमें सेहत को ध्यान में रखते हुए अथवा जितना चिकित्सक ने कहा हो उसके अनुसार रोजाना योगासन, प्राणायाम करने और ध्यान लगाने, श्वास तंत्र को मजबूत करने वाला अभ्यास करने और रोजना सुबह या शाम को टहलने की सलाह दी गई है. प्रोटोकॉल में तापमान, रक्तचाप, रक्त शर्करा (विशेषकर यदि मधुमेह में हो तो), पल्स ऑक्सीमेट्री आदि (यदि चिकित्सकीय सलाह दी गई हो) पर घर पर नजर रखने की सलाह दी गई है. इसमें कहा गया है कि सुबह के वक्त गरम दूध या पानी के साथ च्यवनप्राश का सेवन जरूर करना चाहिए.