बलिया : जिस चंद्रशेखर को आदर्श मान मुझ जैसे युवाओं ने राजनीति में कदम रखा था, उनका अपमान हरगिज नहीं सहेंगे. उनकी यादें सड़कों पर बिखरी देख कलेजा फट रहा है. जेहन में वही बगावती तेवर उभर रहे हैं जिसके लिए बलिया की पहचान है.
ये बातें समाजवादी पार्टी के नेता सुशील पाण्डेय”कान्हजी”प्रेस को जारी अपने एक बयान में कहा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के एक आदेश से समाजवाद के पुरोधा की स्मृतियों को फिकवा दिया गया. उन्हें अपमानजनक तरीके से तोड़ना माफी के लायक नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह मान भी लिया जाय कि भू-माफियाओं के साथ मिलकर एक कागजी नोटिस जारी कर इसे तोड़ा गया, लेकिन इस कानूनी दाव-पेंच के सहारे हमारी भावनाओं से खेला गया है. यह पूरे जनपद की मानहानि का गुनाह है.
सत्ताधारियों को यह याद रखना चाहिए कि हमारा इतिहास बगावती तेवरों का रहा है. सबसे पहले हमारा इलाका ही आजाद हुआ था. इस दम्भी सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
उन्होंने युवाओं से अपील की कि अगर हम अपने पुरखों महर्षि भृगु, अमर शहीद मंगल पाण्डेय, चित्तू पाण्डेय और चंद्रशेखर जैसे लोगों की गौरवशाली परम्परा को नहीं संरक्षित कर सके तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा.